सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
कल रिायासी में शिवखोड़ी से लौट रही यात्री बस पर हुआ हमला जम्मू-कश्मीर में कोई पहला आतंकी हमला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी आतंकी कई बार श्रद्धालुओं से भरी हुई यात्री बसों को अपना निशाना बना कईयों की जानें ले चुके हैं।
यह भी सच है कि जम्मू संभाग में पिछले कुछ वर्षों से आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। राजौरी-पुंछ में सेना पर कई हमले किए गए। इससे पहले 13 मई 2022 को भी कटड़ा से लौट रही श्रद्धालुओं से भरी बस में स्टिकी बम लगाकर हमला किया गया था। बस में आग लगने से तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 24 घायल हुए थे।
जबकि 11 जुलाई 2017 को अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमला करते हुए आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थीं। इसमें नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 19 घायल हुए थे। मरने वाले सभी श्रद्धालु गुजरात के थे।
दरअसल, पिछले चार सालों से आतंकी राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे और सुरक्षित निकल जा रहे थे, लेकिन अब आतंकियों ने रियासी जिले में श्रद्धालुओं की बस पर हमला किया है। उसके बाद आतंकी वहां से सुरक्षित निकलने में सफल हो गए। आतंकी एक के बाद एक हमले करते हैं और फिर अपने सुरक्षित ठिकानों में पहुंच जाते हैं। हमलों के बाद बड़े आपरेशन लांच करके आतंकियों को मारने के लिए हर तकनीक का सहारा लिया जाता है, लेकिन सुरक्षाबलों को आतंकियों का कोई सुराग ही नहीं मिलता है।
जिस क्षेत्र में आतंकियों ने हमला किया इसके आस-पास के क्षेत्रों में आतंकी कुछ साल पहले तक काफी सक्रिय रहे हैं। आतंकियों ने कई वारदाताओं को अंजाम दिया, लेकिन पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में शांति का माहौल कायम था। अब फिर से आतंकियों ने हमला करके स्थानीय लोगों में डर पैदा कर दिया है। यही हाल राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में भी बना हुआ है, लेकिन हमलों के बाद आतंकियों का सुराग सुरक्षाबलों को नहीं मिल पा रहा, जिसके कई कारण हो सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में जम्मू कश्मीर में हुए बड़े आतंकी हमले
28 अप्रैल, 2024: उधमपुर जिले के बसंतगढ़ में आतंकी हमले में एक ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीसी) शहीद हो गया। आतंकी भाग निकले।
22 अप्रैल, 2024: राजौरी जिले के शाहदरा शरीफ में एक समाज कल्याण विभाग (एसडब्ल्यूडी) अधिकारी की आतंकियों ने हत्या कर दी। उसका भाई, एक प्रादेशिक सेना का जवान, जो निशाना था, बच गया।
21 दिसंबर, 2023: पुंछ जिले के सुरनकोट के डेरा की गली में आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। अगले दिन हिरासत में लिए गए चार नागरिकों की मौत हो गई।
22 नवंबर, 2023: राजौरी जिले के कालाकोट तहसील के धर्मशाल इलाके के बाजीमाल में दो दिनों तक चली मुठभेड़ में दो कैप्टन समेत पांच जवान शहीद हो गए, जबकि दो विदेशी आतंकी मारे गए।
5 मई, 2023: राजौरी के कंडी में एक आईईडी विस्फोट में सेना के पांच पैरा-कमांडो शहीद हो गए और मेजर घायल हो गए।
18 जुलाई, 2023: पुंछ के सुरनकोट तहसील के सिंधरा टॉप पर सेना ने चार खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया।
20 अप्रैल, 2023: पुंछ जिले के मेंढर तहसील के भट्टा दुरियन में सेना के पांच बहादुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
1 जनवरी, 2023: राजौरी जिले के ढांगरी गांव में दो विदेशी आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी और आईईडी विस्फोट में अल्पसंख्यक समुदाय के सात नागरिक मारे गए, जिनमें से दो नाबालिग थे।
11 अगस्त, 2022: राजौरी के दरहाल इलाके के परगल में एक सेना शिविर पर हमले के दौरान सेना के पांच जवान शहीद हो गए और दो फिदायीन मारे गए।
18 दिसंबर, 2022: राजौरी में अल्फा गेट के बाहर एक आतंकवादी हमले में दो नागरिक मारे गए।
मार्च-अप्रैल 2022: राजौरी जिले की कोटरंका तहसील में 28 दिनों के भीतर पुलिस, मजदूरों, विवाह घर आदि को निशाना बनाकर चार विस्फोट हुए, लेकिन बहुत कम नुकसान हुआ। बाद में पुलिस ने सभी विस्फोटों की जांच की।
11 अक्टूबर, 2021: सुरनकोट के चमरेर जंगलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक जेसीओ समेत पांच सेना के जवान शहीद हो गए।
16 अक्टूबर, 2021: पुंछ के मेंढर तहसील के भट्टा दुरियन में आतंकवादियों के एक ही समूह के साथ मुठभेड़ में एक और जेसीओ समेत चार और सैनिकों की जान चली गई।
30 अक्टूबर, 2021: राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एक लेफ्टिनेंट समेत सेना के दो जवान माइन विस्फोट का शिकार हो गए।