फिल्म ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ में सावरकर की पत्नी यमुनाबाई सावरकर का किरदार निभानेवाली अंकिता लोखंडे को खूब प्रशंसा मिली। ‘बिग बॉस’ के कारण चर्चित हुई अंकिता ‘कलर्स’ के ‘लाफ्टर शेफ्स अनलिमिटेड एंटरटेनमेंट’ में नजर आ रही हैं। पेश है, अंकिता लोखंडे से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
आपके इस नए शो का फॉर्मेट क्या है?
शो ‘लाफ्टर शेफ्स अनलिमिटेड एंटरटेनमेंट’ एक नॉन-स्टॉप मनोरंजक महोत्सव लेकर आता है जब अलग-अलग सेलेब्रिटीज किचन में जाकर कुछ बनाने की कोशिश करते हैं। किचन में क्या मजेदार हादसे होते हैं इसे दर्शक देख पाएंगे। रेसिपी को बिगाड़ने से लेकर जोक्स सुनाने तक वो हंसी का तूफान लाएंगे।
शो में भाग लेने के लिए आपको किस चीज ने आकर्षित किया?
इस अनूठे शो में हिस्सा लेना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। खाना पकाना कभी भी मेरा पसंदीदा विषय नहीं रहा, लेकिन दर्शकों के मनोरंजन के साथ-साथ पूरी तरह से कुछ नया करने के विचार ने मुझे उत्साहित कर दिया। ‘बिग बॉस’ में काम करके मुझे इतना मजा आया कि मैं इस जोश को बरकरार रखने के लिए उत्सुक थी। खाना बनाना हंसने और हंसाने का एक माध्यम हो सकता है, जिसे देखकर दर्शक लोट-पोट हो जाएंगे।
किस सेलेब्रिटी को आप अपनी सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी मानती हैं और क्यों?
प्रतिस्पर्धी तो कोई तब बनेगा जब हमें ढंग का खाना बनाना आता हो। चूंकि विक्की और मैं दोनों ही अच्छे से खाना बनाना नहीं जानते इसलिए मुझे लगता है कि हर कोई बड़ा प्रतिस्पर्धी होगा। विक्की और मैं खाना पकाने के विशेषज्ञ नहीं हैं, लेकिन हम जानते हैं कि दर्शकों का मनोरंजन वैâसे करना है।
दर्शक ‘लाफ्टर शेफ्स अनलिमिटेड एंटरटेनमेंट’ से क्या सीखेंगे?
मुझे लगता है कि दर्शकों को शो में हमें खाना बनाते हुए देखकर बहुत मजा आएगा। ऐसा हर दिन नहीं होता कि वे हम जैसे सेलेब्स को रसोई में हाथ आजमाते हुए देख सकें और वह भी पूरी गैंग के साथ। भारती, कृष्णा, सुदेश, कश्मीरा, मेरे पति विक्की और मैं, बहुत हंसी और मजाक होनेवाला है। मुझे लगता है कि हम सबको एक साथ खाना बनाते और हंसी-मजाक करते हुए देखकर लोगों को असली मजा आनेवाला है। यह एक तरह से हंसी की गारंटी है।
आप रसोई की गड़बड़ियों को संभालने और असीमित मनोरंजन करने के बीच संतुलन कैसे बनाएंगी?
मैं खाना नहीं बना सकती हूं क्योंकि मेरे हाथ में चोट लगी है इसलिए मेरे पति खाना बना रहे होंगे। मैं वहां रहूंगी और उन्हें बताऊंगी कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। हम एक टीम की तरह मिलकर काम करेंगे और मुझे यकीन है कि हम अच्छा परफॉर्म करेंगे। यह सच है कि मैं खाना नहीं बना सकती, लेकिन इतना जरूर है कि इमरजेंसी में मैं दाल-चावल पका सकती हूं, बिना कोई गलती किए।
शो में होनेवाली दुर्घटनाओं से आप कैसे निपटेंगी?
मुझे याद है बचपन में पूरनपोली बनाने में मां की मदद करते हुए मैंने खुद को गर्म घी से जला लिया था। उस घटना के बाद मुझे एहसास हुआ कि खाना बनाना मेरे बस की बात नहीं है। रसोई में जाना और गर्म तवे पर रोटी या पराठा बनाना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। रसोई से मेरी कभी बनी नहीं। मैं खाना बनाने का तिरस्कार नहीं करती, लेकिन इससे मुझे कोई लगाव भी नहीं है।
प्रतिस्पर्धा के दबाव को आप कैसे संभालती हैं, खासकर यदि चीजें योजना अनुसार न हों?
असल में मैंने इस बारे में नहीं सोचा कि मैं इसे वैâसे संभालूंगी। मैं बस वक्त के साथ आगे ब़ढ़ूंगी, लेकिन एक बात जो मैं निश्चित रूप से जानती हूं, वह यह है कि मैं यहां मनोरंजन करने आई हूं। भले ही मैंने कोई योजना नहीं बनाई, लेकिन मुझे यकीन है कि मैं इसे सभी दर्शकों के लिए मजेदार बनाने का तरीका खोज लूंगी। खुद हंसूंगी और दर्शकों को भी हंसाऊंगी।
मतलब आपने विवाह के बाद कोई व्यंजन नहीं बनाया?
घर पर खाना बनाने के लिए रसोइया है। मैं खाना बनाऊं इसकी जरूरत कभी महसूस नहीं हुई। १४-१५ घंटे एक्टिंग में चले जाते हैं। कोई भी किरदार करने से पहले मेकअप और कॉस्ट्यूम सहित संवादों को याद करने में बहुत सारा वक्त चला जाता है, जिसकी कल्पना इस पेशे के बाहर के लोगों को नहीं होती। अगर एक्टिंग से वक्त मिलता है तो मन करता है आराम करूं, घूमने-फिरने जाऊं या परिवार के साथ वक्त बिताऊं। खाना बनाना आखिरी विकल्प होगा।