सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में भाजपा महायुति सरकार आम जनता, किसानों और मजदूरों की नहीं, बल्कि केवल मुट्ठीभर उद्योगपतियों व ठेकेदारों की है। फसलों के लिए उचित मूल्य, खेती के लिए बिजली, पानी न मिलने से किसान परेशान हैं, लेकिन कुंभकर्णी नींद में सोई इस सरकार को कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है। बुलढाणा जिले के देऊल गांव राजा तालुका के शिवनी आरमाल के युवा किसान कैलास नागरे द्वारा की गई आत्महत्या भाजपा सरकार की नाकामी का उदाहरण है। कैलास नागरे की आत्महत्या के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। इस आत्महत्या की जिम्मेदार मौजूदा सरकार ही है। इस तरह का जोरदार हमला महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने किया है।
कैलास नागरे के अंतिम संस्कार में शामिल होकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कैलास नागरे के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उनके साथ मेरा कई वर्षों से स्नेह था। नागरे एक प्रगतिशील किसान और सामाजिक जागरूकता वाले व्यक्तित्व थे। उन्होंने खेती में कई अच्छे प्रयोग किए थे। सरकार से पुरस्कार प्राप्त करने वाले युवा किसान को होली के त्योहार के दिन जहर पीकर अपना जीवन समाप्त करना पड़ा, यह महाराष्ट्र के लिए शर्म की बात है। किसान अन्नदाता है लेकिन अगर उसकी थाली में अन्न नहीं होगा तो वह अपने परिवार का पेट कैसे भरेगा। कैलास नागरे ने आत्महत्या करने से पहले तीन पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखकर किसानों को परेशान करने वाली समस्याओं का विवरण दिया था। कैलाश नागरे ने खडकपूर्णा की बाईं नहर से किसानों को पानी दिए जाने की मांग को लेकर दिसंबर महीने में सात दिनों की भूख हड़ताल की थी। उस समय प्रशासन ने पानी छोड़ने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी पानी नहीं मिलने के कारण नागरे निराश हो गए थे। इसी कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का सपना
एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का सपना दिखाने वाली सरकार अपने राज्य के किसानों की फसलों के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। यह अत्यंत शर्मनाक और पीड़ादायक है। एक युवा किसान अपना जीवन समाप्त कर लेता है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों को केवल हिंदू, मुस्लिम, औरंगजेब ही दिखाई देता है।
उन्होंने कहा कि कैलास नागरे की आत्महत्या से सरकार को चौंक कर जाग जाना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। कैलास नागरे की आत्महत्या छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र को शर्मसार करने वाली है। अगर सरकार में थोड़ी सी भी शर्म बची हो तो उन्हें कैलाश नागरे की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही नागरे के परिवार को भरपूर आर्थिक सहायता देनी चाहिए।