सामना संवाददाता / लखनऊ
देशभर में दो मामलों को लेकर माहौल गरम है। एक नीट पेपर लीक और दूसरा यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का मामला है। इन दोनों को लेकर जहां छात्रों में आक्रोश है, वहीं विपक्षी नेता भी भाजपा सरकार पर तंज कस रहे हैं। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि ‘भाजपाइयों की है यही पहचान, झूठों को काम और सलाम’। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने वाली गुजरात की कंपनी का ही पेपर लीक करवाने में हाथ है। जब उसका मालिक विदेश भाग गया, तब उत्तर प्रदेश सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया और जनता के गुस्से से बचने के लिए दिखाने भर के लिए उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ दर्ज एफआईआर को सार्वजनिक करते हुए उसकी संपत्ति जब्त करे। ये लोग यूपी के ६० लाख युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के दोषी हैं। यूपी की भाजपा सरकार साबित करे कि वो इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ। अखिलेश ने कहा कि यूपी में काम करनेवाली हर कंपनी की जांच की जाए।
सरकार की सत्यनिष्ठा पर सवालिया निशान
अखिलेश ने कहा कि यूपी के आक्रोशित युवा पूछ रहे हैं कि यूपी के बुलडोजर के पास बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या, और ये भी कि जिस मंत्रालय के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी उसके मंत्री और अधिकारियों की तरफ बुलडोजर मुड़ता भी है या नहीं। यूपी की जनता ये भी याद रखे कि ये वो ही भाजपा सरकार है, जो कल तक ठेके पर पुलिस रखने का फरमान निकाल रही थी। घोर निंदनीय! विभिन्न परीक्षाओं का पेपर लीक होना, सरकार की सत्यनिष्ठा पर सवालिया निशान है।
‘ये भ्रष्टाचार की साझेदारी’
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब बेईमान और कलंकित कंपनियों को काम दिया जा रहा है तो साफ जाहिर है कि कंपनी और यूपी सरकार के उस मंत्रालय और उसके विभाग के लोगों की भी हिस्सेदारी है, मतलब ‘ये भ्रष्टाचार की साझेदारी’ है। इस परीक्षा के आयोजन से संबंधित कंपनी की ही नहीं, बल्कि हर एक संलिप्त मंत्री या अधिकारी की भी जांच हो और जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक उसे उसके काम से मुक्त रखा जाए। इसके बाद संलिप्तता सिद्ध होने पर उनको बर्खास्त करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।