पब्लिक ने प्रदर्शन कर ईमानदार युवक को छुड़ाया
सामना संवाददाता / लखनऊ
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की पुलिस के कारनामे एक से बढ़कर एक हैं। कभी एनकाउंटर को लेकर सवालों के घेरे में रहती है तो कभी बेकसूरों को फंसाने, अटपटे केस और वसूली में लिप्त मिलती है। अब हाल ही की एक घटना को ले लीजिए। मामला रायबरेली का है, जहां एक शख्स नोटों से भरा बैग लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचा तो पुलिसवालों ने उसे ही जेल में डाल दिया। जब मामला खुला और पुलिसवालों की शर्मनाक करतूत सामने आई तो लोग दांतो तले उंगली दबाकर रह गए।
दरअसल, जमुनीपुर चरुहार निवासी गौरव उर्फ दीपू को लूट के मामले में गदागंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने जब धरना प्रदर्शन किया तो मामले की जांच कराई गई। जांच पूरी हुई और रिपोर्ट सामने आई तो लोग हैरान हो गए। जांच में पता चला कि थाने के पुलिसकर्मियों ने वाह-वाही के लिए उसी शख्स को जेल भेज दिया था। गौरव को रास्ते किनारे पड़ा एक बैग मिला, जिसमें नोट भरे हुए थे। जैसे ही गौरव इसे लेकर थाने पहुंचा तो पुलिसवालों ने उसे ही लुटेरा बताकर जेल में डाल दिया। करीब १२ दिन तक वह जेल में रहा और बाद में बेगुनाह निकला।
वाहवाही की भूखी निकली पुलिस
पुलिस की ही जांच में सामने आया है कि गौरव कोई लुटेरा नहीं था, बल्कि उसे सच में सड़क किनारे रुपए से भरा बैग मिला था, लेकिन पुलिस तो वाह-वाही की भूखी निकली, उसने बिना किसी शुरूआती जांच के जल्दबाजी में गौरव को ही जेल में डाल दिया।