सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना के दशहरा सम्मेलन में कल युवासेनाप्रमुख व शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने अपना पहला भाषण बड़े तीखे अंदाज में दिया। आदित्य ठाकरे द्वारा भाषण शुरू करते ही भगवामय हुआ शिवतीर्थ ‘जय भवानी जय शिवाजी, कौन आया रे कौन आया.. शिवसेना का बाघ आया’, नारों से गूंज उठा। सभा को संबोधित करते हुए आदित्य ठाकरे ने विश्वास व्यक्त करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के चुनाव चिह्न के बारे में कहा कि यह मशाल हमें स्वर्णकाल में ले जाएगी।
इस दौरान आदित्य ठाकरे ने यह साफ कर दिया कि उनकी सरकार आने के बाद तीन विशेष कार्य किए जाएंगे और नौकरियां देनेवाले कार्य होंगे। इतना ही नहीं, आदित्य ठाकरे ने अपने अलग ही अंदाज में विरोधियों की खिल्ली भी इस दौरान उड़ाई।
अपने भाषण की शुरुआत में आदित्य ठाकरे ने अपने बचपन की यादें ताजा करते हुए कहा कि हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन दशहरा सम्मेलन होता था, क्योंकि वंदनीय हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे का भाषण सुनने को मिलता था। यह वही मंच है, जहां वर्ष २०१० में युवासेना की स्थापना की गई थी। बालासाहेब ने तलवार तो दी थी, साथ ही बल-ताकत और हौसला भी दिया था। उन्होंने कहा था कि आदित्य देश, महाराष्ट्र और इस मिट्टी के लिए हमेशा लड़ते रहना। इसी मैदान में मैं पिछले १० से १४ वर्ष युवासेनाप्रमुख व शिवसेना नेता के रूप में आता रहता हूं।
घर में प्रथा है…
आदित्य ठाकरे ने कल भाषण में अपने घर की प्रथा का जिक्र किया। उन्होंने कहा जब वंदनीय बालासाहेब ठाकरे भाषण देते थे, तब पिता उद्धव ठाकरे भाषण नहीं करते थे। उसी प्रकार मैं भी पिछले १४ वर्षों से भाषण नहीं कर रहा था, लेकिन आज का दिन और यह साल २०२४ बेहद महत्वपूर्ण है। शायद मेरे दादाजी ने यह कहा होगा कि यह साल महत्वपूर्ण है और यह लड़ाई भी बहुत महत्वपूर्ण है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुझे याद है ६ जनवरी के दिन अरविंद सावंत के लिए गिरगांव में सभा ली थी। उस समय मैंने कहा था कि पिछले ५ वर्षों में जिस-जिस लोकसभा क्षेत्र में परिवर्तन लाने का समय आ गया है। यह वही साल २०२४ है। इस क्षण का इंतजार बहुत दिनों से था, वह क्षण अब आ गया है।
जब तक अडानी का काम नहीं होता तब तक आचार संहिता लागू नहीं होगी!
आदित्य ठाकरे ने अपने भाषण में विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मुझे एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब तक अडानी के सारे जीआर और काम नहीं हो जाते, तब तक विधानसभा चुनाव की घोषणा और आचार संहिता लागू नहीं की जाएगी। इससे यह साफ हो जाता है कि केंद्र और राज्य में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार चालू है।