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इस साल, सरकार कंगाल! … बेतहाशा रेवड़ियों के फंदे में फंसी है सीएम की गर्दन! …‘लाडली योजनाओं’ के लिए खजाने में नहीं है पैसा

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
कड़वे और मीठे अहसास के साथ पुराना साल गुजरने के साथ ही नए साल का आगाज हो चुका है। हालांकि, महायुति सरकार के सामने नया साल साथ में आर्थिक संकट भी लाया है। हालत यह है कि वोटों के लिए महायुति ने बेतहाशा रेवड़ियां बांटी हैं। अब इन रेवड़ियों के फंदे में सीएम फडणवीस की गर्दन फंसी है। ‘लाडली’ जैसी योजनाओं के लिए खजाने में पैसा नहीं है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि इस साल यह सरकार कंगाल रहनेवाली है।
बता दें कि ‘ईडी’ २.० सरकार में आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाली स्थिति पैदा हो गई है। मौजूदा समय में राज्य की आय ६,१२,२९६ करोड़ रुपए है, जबकि खर्च ८,१६,३१२ करोड़ रुपए हैं। ऐसे में अब यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है कि विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े वादे करनेवाली यह सरकार जनता की उम्मीदों पर वैâसे खरी उतरेगी? उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सरकार की तिजोरी खाली हो चुकी है। यह स्थिति करीब तीन सालों से बनी हुई है। राज्य पर तेजी से कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। इस स्थिति में भी तरह-तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिस पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का राजकोषीय घाटा १,१०,३०५ करोड़ रुपए और राजस्व संग्रहण व व्यय में घाटा २०,०५१ करोड़ रुपए है। प्रदेश में जो विकास कार्य प्रगति पर हैं या पूरे हो चुके हैं, जिन कार्यों के कार्यादेश दिए जा चुके हैं, उनको शुरू करने के लिए सरकार की ओर से आग्रह किया जा रहा है। इन सभी विकास कार्यों की रकम लगभग एक लाख करोड़ से ऊपर है। ऐसे में इससे भविष्य में विकास कार्य बाधित होंगे।
वेतन देने में मुश्किल
महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार महासंघ के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने आरोप लगाया है कि इस समय राज्य का खजाना खाली है। कुछ वर्षों में राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा है। भोसले ने आरोप लगाया है कि राज्य पर बढ़ते कर्ज के पहाड़ को देखते हुए आने वाले समय में राज्य सरकार के कर्मचारियों और तीन लाख से ज्यादा ठेकेदारों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा।

कुछ प्रमुख योजनाएं व खर्च
लाडली बहन योजना : ४६ हजार करोड़ रुपए
अनुसूचित जाति व जनजाति उपाय योजना : १५,८९८ करोड़ रुपए
आदिवासी विकास योजना : १५,३६० करोड़ रुपए
जिला नियोजन डीपीएफसी : १८,१६५ करोड़ रुपए
पिंक रिक्शा : ८० करोड़
शुभमंगल सामुदायिक विवाह : २५ हजार रुपए
लखपति दीदी : ३० हजार रुपए
स्वास्थ्य केंद्रों के लिए : ७८ करोड़ रुपए
मरीजों के परिवहन के लिए ३,३२४ वाहन
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत साल में तीन सिलिंडर मुफ्त की संख्या : ५२,१६,४१२
१८ साल से नीचे १ लाख लड़कियों को एक हजार रुपए

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