चिकित्सकों ने सावधानी बरतने की दी सलाह
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
पिछले कई सालों से लोगों के खानपान और जीवनशैली में बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका है। इस बदलाव ने हर आयु वर्ग को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। आज आलम यह है कि आधुनिकता ने लोगों को कई सारी गंभीर बीमारियां बतौर उपहार में दी हैं। आज हिंदुस्थान में हाइपरटेंशन, डायबिटीज, दिल की बीमारियां, मोटापा जैसे कई रोगों का शरीर आशियाना बनते जा रहा है। बीपी और शुगर के बाद सबसे ज्यादा मामले दिल के रोगों के आ रहे हैं। इसी में एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के दौरान आहार योजना का पालन न करने से दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से मृत्यु का खतरा ९१ प्रतिशत तक बढ़ सकता है। ऐसे में चिकित्सकों ने उपवास रखते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार गुडी पडवा से रामनवमी तक लोग उपवास रखेंगे, तो ऐसे में लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है।
शरीर को भी होता है नुकसान
जेजे अस्पताल के प्राफेसर डॉ. मधुकर गायकवाड का कहना है कि दरअसल, इंटरमिटेंट फास्टिंग करनेवाले कई लोग सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी नहीं करते हैं। हालांकि, बीच-बीच में वे चाय-बिस्किट आदि भी खाते हैं। फिर शाम को जब बहुत भूख लगती है, तो वैंâटीन से कुछ मंगवाकर पेट भर खाते हैं। अगले दिन भी यही चक्र चलता है, इससे शरीर को नुकसान होता है।
इन्हें नहीं करना चाहिए उपवास
हर किसी को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए। २५ वर्ष से कम उम्र के युवाओं और गर्भवती महिलाओं को जिन्हें वैâलोरी की अधिक आवश्यकता है, उन्हें इस प्रकार का उपवास बिल्कुल नहीं करना चाहिए। साथ ही मधुमेह और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को भी उपवास नहीं करना चाहिए।
समय पर और सही मात्रा में करें भोजन
चिकित्सकों का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के समय यदि आप अपना सारा भोजन बहुत कम समय में खा रहे हैं, तो यह पाचन तंत्र पर थोड़ा दबाव डाल सकता है। एक ही समय में इतनी बड़ी मात्रा में खाना खाने की आदत नहीं होती है और आप भूखे रहते हैं। इससे रक्त शर्करा का स्तर कम होने के साथ ही सिरदर्द, जी मिचलाना, चक्कर आना, हृदय गति बढ़ने की संभावना बनी रहती है। इसलिए सही समय पर और सही मात्रा में भोजन करना अधिक फायदेमंद है।