सामना संवाददाता / मुंबई
माघी पूर्णिमा के दिन श्रीमलंग की मुक्ति के लिए हिंदुओं की जयघोष के साथ श्रीमलंग की यात्रा बुधवार को संपन्न हुई। मलंग मुक्ति आंदोलन १९८२ में शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की प्रेरणा से शुरू हुआ था। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के मार्गदर्शन के अनुसार, यह परंपरा आज भी जारी है। इस वर्ष भी हर हर महादेव, शिवसेना जिंदाबाद, जय भवानी, जय शिवाजी आदि नारे लगाते हुए हजारों हिंदू भक्तों के तूफान ने मलंगगढ़ पर धावा बोल दिया।
कल्याण, ठाणे, उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर, नई मुंबई, पालघर, वसई, रायगड आदि जगहों से बड़ी संख्या में भक्त स्वत:स्फूर्त आए। कंधे पर भगवा झंडे लिए शिवसैनिकों और वाहनों पर भगवा झंडे लहराते हुए हर जगह उत्साह का माहौल था। हिंदू भक्तों की भीड़ जय मलंग, जय श्रीमलंग मुक्ति का नारा लगाते हुए श्रीमलंग के किले और श्रीमलंग की समाधि पर जा रही थी। सुबह पालकी को मलंगगढ़ ले जाने के बाद दिनभर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम शुरू होते हैं। दोपहर में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे समेत प्रमुख पदाधिकारियों ने मलंगनाथ की समाधि पर विधिवत पूजा-अर्चना व आरती की। किले पर शिवसेना, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल समेत १६ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद थे।
इस अवसर पर शिवसेना नेता व पूर्व सांसद राजन विचारे, उपनेता विजय सालवी, अल्ताफ शेख, ठाणे जिलाप्रमुख केदार दिघे, भिवंडी लोकसभा संपर्कप्रमुख साईनाथ तारे, कल्याण जिलाप्रमुख दीपेश म्हात्रे, धनंजय बोडारे, अल्पेश भोईर, कल्याण शहरप्रमुख सचिन बसरे, शरद पाटील, नई मुंबई जिला प्रमुख विट्ठल मोरे, प्रवीण म्हात्रे, मोहन माधवी, नरेश मनेरा, सुरेश मोहिते, मीरा-भायंदर जिलाप्रमुख प्रभाकर म्हात्रे, रेखा खोपकर सहित शिवसेना पदाधिकारी और शिवसैनिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
शिवसेना का जलपान और भोजन की व्यवस्था
श्रीमलंगगढ़ की पहाड़ी में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी की ओर से जलपान के लिए एक भव्य मंडप बनाया गया था। राज्य के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं की भूख मिटाने के लिए शिवसैनिक पूरे दिन उत्साह से जुटे रहे। लगभग १० हजार मलंग भक्तों ने जलपान एवं भोजन का आनंद लिया। जगह-जगह पर पानी की भी व्यवस्था की गई थी।