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वाराणसी में यूपी बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा लेने पहुंचे तीन फर्जी परीक्षक गिरफ्तार

उमेश गुप्ता / वाराणसी

अभी तक तो लिखित परीक्षाओं में दूसरे के नाम पर परीक्षा देते परीक्षार्थियों के पकड़े जाने की घटनाएं तो होती हैं, लेकिन प्रैक्टिकल लेने वाले परीक्षक की जगह कोई दूसरा आए, ऐसा जल्दी नहीं होता है। वाराणसी के डीएवी इंटर कॉलेज में इस तरह की हुई घटना में फर्जीवाड़ा करने वाले तीनों लोग पुलिस की गिरफ्त में हैं। जिस विद्यालय के शिक्षक को डीएवी इंटर कॉलेज में प्रैक्टिकल लेने आना था, उन्हीं का आधार कार्ड और उसी विद्यालय के प्रधानाचार्य के मोहर को तीनों ने फर्जीवाड़े का हथियार बनाया, ताकि किसी को शक न हो।
डीएवी इंटर कॉलेज में एनडीएस केजी इंटर कॉलेज उकछी बलिया के राजीव कुमार शर्मा को परीक्षक बनाया गया था। गुरुवार को उनकी जगह गाजीपुर के मानपुर टिकरी निवासी अजीत यादव परीक्षक बनकर पहुंच गया। इनके साथ गाजीपुर के भौराहा निवासी ध्रुव यादव और बलिया के उकछी निवासी अमरेंद्र कुमार तिवारी भी आए। पूछताछ में पता चला कि मास्टरमाइंड अमरेंद्र तिवारी है, जो उकछी के कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। इसी ने पूरी साजिश रची। फर्जी परीक्षक और एक अन्य के साथ गाजीपुर से ही किराए की कार बुक कर तीनों डीएवी इंटर कॉलेज पहुंचे।
पूछताछ में पता चला कि बलिया निवासी अजीत और गाजीपुर निवासी ध्रुव निजी विद्यालय में पढ़ाते हैं, जबकि अमरेंद्र चपरासी है। प्रधानाचार्य ने डीआईओएस को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें कहा गया है कि डीएवी इंटर कॉलेज में जीव विज्ञान प्रवक्ता राजीव दूबे की सूझ-बूझ से मामला पकड़ में आया।
अजीत ने जीव विज्ञान के छात्रों से सवाल पूछना शुरू किया। कुछ छात्रों को उनके सवाल पूछने का तरीका अलग लगा। उन्होंने बिना कुछ कहे विद्यालय के प्रधानाचार्य को जानकारी दी। प्रधानाचार्य ने विद्यालय में जीव विज्ञान के प्रवक्ता राजीव दूबे को छात्रों से बातचीत कर समाधान करवाने कहा।
राजीव दूबे ने बातचीत शुरू की तो उन्हें भी शक हुआ। उन्होंने बलिया के मूल परीक्षक के नंबर पर बात की तो पता चला कि वह तो आए ही नहीं हैं। इसके बाद तीनों को कमरे में बिठाया गया, फिर पुलिस को बुलाया गया और इन तीनों को उनके हवाले कर दिया गया।

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