मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
वाराणसी में एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या से प्रदेश थर्राया ही था कि रविवार को बिजनौर में एक परिवार के तीन लोगों को मौत के घाट उतार कर हत्यारे फरार हो गये। देखने से लग रहा है कि तिहरे हत्याकांड को हत्यारों ने बेहद शातिर ढंग से अंजाम दिया। तीन हत्या करके फरार हो गए और किसी को भनक तक नहीं लगी। बरामदे में जमीन पर ही लगे बिस्तर पर कबाड़ी मंसूर और उसकी पत्नी जुबैदा की पेचकस घोंपकर हत्या की। साथ ही कमरे में सो रहे उनके बेटे याकूब को भी मार डाला। मृतकों को एक-दूसरे का बचाने का भी मौका नहीं मिला। इतना ही नहीं पड़ोसियों को भी इस हत्याकांड की भनक नहीं लग सकी। मंसूर के छोटे से घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद मिलने से अटकलें लगाई जा रही हैं कि आरोपियों ने अंदर घुसते ही दरवाजा बंद कर लिया था। इसके बाद दीवार फांदकर फरार हो गए। पुलिस को मौके पर आला कत्ल पेचकस के आलावा अन्य कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। छत पर एक कैंची जरूर पड़ी मिली, जिस पर खून का कोई निशान नहीं था। उधर मृतक के घर के सामने किराए पर रहने वाली महिला ने बताया कि रात में कोई आवाज भी नहीं सुनाई दी।
पुलिस जब सबूत जुटाने की कोशिश में लगी थी, तभी शहर कोतवाल उदयप्रताप की नजर चप्पलों पर पड़ी। घर में तीन लोग थे, जबकि मौके पर चप्पल छह जोड़ी मिली। एक जोड़ी चप्पल महिला वाली, जबकि पांच जोड़ी मर्दाना थीं। तीन जोड़ी चप्पल बरामदे के बाहर सलीके से निकाली हुई प्रतीत हो रही थीं। मृतक याकूब की दादी हसीना ने रोते हुए बताया कि याकूब रात में नौ बजे उसके पास गया था, जो कि खूब सारी बिरयानी लेकर आया। इसके बाद याकूब बिरयानी लेकर घर चला गया। कबाड़ी, उसकी पत्नी और बेटे याकूब ने बिरयानी खाई और सो गए। हालांकि, इससे पहले याकूब पड़ोस में चल रहे डीजे पर भी डांस करके आया था। उधर मंसूर के घर में चूल्हे पर हंडिया जस की तस रखी थी, जबकि सोमवार को साग बनाने की तैयारी थी। जीने पर एक छबड़ी में बिना पका साग खुले आसमान के नीचे रखा हुआ था।
अपराधी भले पकड़ से दूर चले गये हों, पर पुलिस सूत्रों ने नैरेटिव सेट करने की पूरी कोशिश में लग गये हैं। मंसूर पर गोकशी का केस दर्ज था। बड़े बेटे चांद पर भी चोरी आदि के मुकदमे हैं। वह पुलिस से बचने के लिए उत्तराखंड के कलियर में अपनी पत्नी के साथ रहने लगा था। मंसूर का दूसरा बेटा जहूर शहर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है, जिसके खिलाफ गोकशी के केस दर्ज हैं। वहीं तीसरा बेटा मतलूब हत्या के केस में पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है। मतलूब ने शराब के नशे में ही डेढ़ साल पहले एजाज अली हॉल के पास एक शराबी युवक की हत्या कर दी थी। वहीं चौथे बेटे याकूब पर भी गोकशी का केस दर्ज है। मंसूर का पांचवां बेटा अपनी बहन की ससुराल नजीबाबाद गया था। अगर वह शनिवार की रात अपने घर पर होता तो शायद उसकी भी हत्या हो सकती थी। तसलीम के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की बात सामने नहीं आई है।
कबाड़ी मंसूर के हिस्ट्रीशीटर बेटे जहूर का झगड़ा 23 अक्तूबर को फुरकान उर्फ पहिया निवासी मिर्दगान के साथ हुआ था। अब तिहरे हत्याकांड में फुरकान उर्फ पहिया, उसके बेटे और एक अन्य व्यक्ति शकील निवासी कांशीराम कॉलोनी को नामजद भी कराया गया है।