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टाइम ने अश्विनी वैष्णव को बताया प्रभावशाली व्यक्ति … राजनीतिक हलकों में शुरू हुई ‘पर कतरे जाने’ की अटकलें!

वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान, वरुण गांधी सहित कई नेताओं को किया जा चुका है साइडलाइन 
सामना संवाददाता / नई दिल्ली 
दुनिया की दिग्गज मैगजीन टाइम ने २०२४ के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में अपनी १०० सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी कर दी है। टाइम की इस प्रतिष्ठित लिस्ट में केंद्रीय रेल और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत कुल १५ भारतीय शामिल हैं। लिस्ट में अश्विनी वैष्णव का नाम आते ही राजनीतिक हलकों में यह अटकलें लगना शुरू हो गई हैं कि क्या अब अश्विनी वैष्णव के भी ‘पर कतरे जाएंगे!’ इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा में ऐसे सभी नेताओं के पर कतरने का प्रचलन है, जिनका पद राजनीति या सामाजिक रूप से मजबूत होता नजर आता है। वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान, वरुण गांधी समेत कई नाम इसका उदाहरण हैं।
जब से नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी केंद्र में आई है तभी से दोनों ने कई बड़े नेताओं को पार्टी से साइडलाइन कर दिया या उनके पर कतर दिए हैं। इनमें कई बड़े नाम हैं। जिसमें सबसे बड़ा नाम है, राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे। राजे को राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले ही साइडलाइन कर दिया गया। इसके अलावा राजस्थान में सीएम की रेस में ओम बिड़ला का नाम भी शामिल था, लेकिन उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बना कर उनकी भी दावेदारी कमजोर कर दी गई। वहीं एमपी में शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी ने पूरे लोकसभा चुनाव अभियान में हाशिए पर रखा हुआ था। यहां तक कि उन्हें टिकट भी काफी देर से दिया गया था।
वैâलाश विजयवर्गीय भी एमपी के मुख्यमंत्री की दौड़ में थे, लेकिन ओबीसी समुदाय से नहीं आते थे, इसलिए उन्हें भी हटा दिया गया। अंत में बीजेपी ने नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और वैâलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गजों को छोड़ कर मोहन यादव को सीएम बनाया। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की भी बेइज्जती की गई। टिकट बंटवारे का पैâसला केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथों में लेकर रमन सिंह की भूमिका एकदम से काट दी। आखिरकार, उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर हाशिए पर धकेल दिया गया। यहां यह जान लें कि जिन नेताओं को साइडलाइन किया गया वे सभी फायर ब्रांड नेता थे, कुछ तो मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।

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