मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाकाव्य रचना शीर्षक - प्रकृति का गठजोड़

काव्य रचना शीर्षक – प्रकृति का गठजोड़

फल-फूल, पेड़-पौधे,
रंग-बिरंगी दुनिया में प्रकृति का गठजोड़ है
यह एक-दूसरे के अपनेपन को बढ़ाते हैं,
इसे हम पहचानें
प्रकृति को करीब से जानें।

मौसम के विभिन्न रंगों में, स्वाद का रसपान फल है
धरती की सुन्दरता का, संतरगी आसमान फूल है।

पेड़ हमारे लिए आदर्श है, प्राणवायु का आधार है
पौधे जीवन जीने की कला, सिखाने की खान है।

धरती तप रही होती है तो, बरसात उसे शीतलता प्रदान करती है
पानी से जब नदी-तालाब में, बाढ़ से पानी भर जाता है
तब सूर्य की रोशनी उसे शांत करती है।

जब मौसम की इस धारा में, अपने-आप सुर,
मधुर वीणा का तार बजाने लगते हैं।
तब पेड़-पौधे आलाप-गायन करते हैं,
खुशी का संगीत बहुत कर्ण प्रिय होता है॥
प्रेषक रचनाकार – हरिहर सिंह चौहान इन्दौर
सादर प्रकाशनार्थ हेतु

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