सामना संवाददाता / मुरादाबाद
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट की ओर से रामपुर के ५५ वर्षीय मानसिंह के कान, गाल और गर्दन में फंसे छर्रों का आयुष्मान योजना के तहत सफल ऑपरेशन हुआ। करीब ०८ साल पहले मानसिंह को एक शादी समारोह में हर्ष फायरिंग के समय छर्रे लगे थे। उन्होंने उस समय कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। घाव तो भर गए, लेकिन चेहरे पर अक्सर सूजन रहती थी एवम् कान, आंख और गाल के आस-पास तेज दर्द होता। सूजन और पीड़ा के कारण खाना खाने में भी समस्या होती। मानसिंह ने बहुतेरे जगह इलाज कराया, लेकिन इलाज में बड़ी कोताही हुई क्योंकि किसी ने उसका एक्स-रे ही नहीं कराया। अंत में परिजन उन्हें लेकर टीएमयू डेंटल कॉलेज में लेकर आए। यहां आकर जब डॉक्टर्स ने उनकी जांच और एक्स-रे किया तो पता चला कि उनके कान, गाल और गर्दन में तीन छर्रे फंसे हुए हैं। ऐसे में डॉक्टर्स ने तुरंत ऑपरेशन कराने की सलाह दी, क्योंकि यदि ऑपरेशन नहीं किया जाता तो पेशेंट को लकवा हो सकता था या छर्रे वाली साइड सुन्न हो जाती।
काश्तकार की फैमिली की हामी पर ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. नंदकिशोर डी. के संग उनके डॉक्टर्स की टीम ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया। करीब तीन घंटे चले इस ऑपरेशन में पेशेंट के कान, गाल और गर्दन में फंसे तीन छर्रों को सफलतापूर्वक निकाला। ऑपरेशन के समय डॉक्टर्स के सामने पेशेंट की फेशियल नसों को बचाने की चुनौती तो थी ही, साथ ही आंख की रोशनी और कान की श्रवण क्षमता का भी सवाल था। सर्जरी के बाद पेशेंट को तीन दिन तक डॉक्टर्स ने ऑब्जर्वेशन में रखा गया। इसके बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। ऑपरेशन करने वाली टीम में ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. नंदकिशोर डी. के अलावा फैकल्टी डॉ. निमिष अग्रवाल, पीजी रेजिडेंट डॉ. पूजा बिजारणिया, डॉ. मीमांसा दफ्तरी आदि शामिल रहे।