सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव के दौरान वोट देने जाते समय मोबाइल फोन ले जाने के कारण कई मतदाताओं को मतदान केंद्र से वापस लौटना पड़ा। इसकी पुनरावृत्ति विधानसभा चुनाव में नहीं हो, इसके लिए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। बुजुर्ग मतदाताओं को होने वाली असुविधा से बचाने के लिए मतदान केंद्रों के पास मोबाइल फोन रखने की इजाजत देने की मांग याचिका में की गई है। इस याचिका पर बुधवार १३ नवंबर को सुनवाई होगी। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उजाला यादव ने एड. जगदीश सिंह के माध्यम से याचिका दायर की है। आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को मोबाइल फोन की निकटता के आधार पर मतदान केंद्रों पर मतदान करने से नहीं रोका जाना चाहिए। याचिका में अनुरोध किया गया है कि केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वे मतदाताओं को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए `डिजीलॉकर ऐप’ के माध्यम से मोबाइल फोन ले जाने और अपना पहचान पत्र दिखाने की अनुमति दें।
मतदाताओं के अधिकारों का हनन
प्रत्येक मतदाता लोकतंत्र का हिस्सा है। लोक-शाही के लिए हर वोट मायने रखता है। आज के डिजिटल युग में मोबाइल हर जगह जरूरी हो गया है। इस बीच मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाना और मतदाताओं को `डिजीलॉकर’ ऐप के माध्यम से पहचान प्रमाण की `सॉफ्ट कॉपी’ दिखाने की अनुमति नहीं देना मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन है।