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आज है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस … राज्य में बढ़ रहे हैं सुसाइड के मामले!

रोकथाम के लिए महाराष्ट्र में चलाया जाएगा ‘चेंजिंग द नरेटिव ऑन सुसाइड थीम’
सामना संवाददाता / मुंबई
आजकल लोग लाखों की भीड़ के बीच भी अकेले हैं। मुंबई जैसे महानगरों में लाखों लोग इस अकेलेपन के कारण तनाव से भरी जिंदगी जी रहे हैं। कई बार ये तनाव डिप्रेशन का कारण बन जाता है। डिप्रेशन के कारण लोगों के मन में सुसाइड करने तक के ख्याल आने लगते हैं। इस स्थिति को हैंडल करना और इससे निकलना आसान नहीं है। ऐसे में खुद को मजबूत बनाते हुए इस स्थिति से बाहर निकलने की जरूरत है, क्योंकि जिंदगी को खत्म करना किसी भी समस्या का हल नहीं है। इसलिए मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आएं तो इन विचारों को कंट्रोल करते हुए इस स्थिति से बाहर निकलना चाहिए। इसी सोच के साथ मुंबई और ठाणे समेत राज्य के विभिन्न जिलों में चेंजिंग द नरेटिव ऑन सुसाइड थीम चलाया जा रहा है। इसमें इसके शिकार लोगों की काउंसलिंग किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि देश की आबादी के साथ ही सुसाइड के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसे लेकर सामने आई जानकारी चौंका रही है। बताया गया है कि देश में आत्महत्या के मामले हर साल दो फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं, जबकि, छात्रों में आत्महत्या के मामलों की दर सालाना चार फीसदी बढ़ी है। इसमें मुंबई समेत महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भी सुसाइड के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। मुंबई जैसे शहर में कई लोग बीमारी का इलाज नहीं करा पाने और घर की माली हालत खराब होने होने के कारण सुसाइड कर रह हैं। इसके साथ ही कोई व्यापार में तो कोई बेरोजगारी के चलते डिप्रेशन में जाकर आत्महत्या का मार्ग अपना रहे हैं। मुंबई में भी पिछले कुछ सालों में आत्महत्या करने की दर में २२ फीसदी तक वृद्धि दर्ज हुई है।
ठाणे में तीन सालों में १३३ मौतें
आत्महत्या के प्राथमिक कारणों में परिवार संबंधी मुद्दे और वित्तीय कठिनाइयां शामिल हैं। इसके अलावा तनाव, परीक्षा परिणाम में बेहतर प्रदर्शन का सामाजिक दबाव जैसे कारकों के साथ-साथ प्रेम संबंधों में असफलता आदि कारण से भी नाबालिग लड़कियों में आत्महत्या में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। आत्महत्या के मामलों में मुंबई लगातार शीर्ष पांच भारतीय शहरों में बना हुआ है। जिला सिविल सर्जन डॉ. कैलाश पवार ने कहा कि जिले में बीते तीन सालों में १३३ आत्महत्याओं की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसमें ६४ पुरुषों और ६९ महिलाओं का समावेश है।
होगी काउंसलिंग
अस्पताल की टीम पूरे जिले में चेंजिंग द नरेटिव ऑन सुसाइड थीम के तहत इस तरह के लोगों की काउंसलिंग करेगी।

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