-राहगीरों को घंटों करना पड़ता है ट्रैफिक का सामना
-जाम के चलते छोटे कामगारों की नौकरी खतरे में
संदीप पांडेय / मुंबई
अंधेरी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां लाखों लोग अपने रोजगार के लिए यहां आते हैं। कई लोग तो यहां अपना सपना भी संजोने आते हैं। यह क्षेत्र बिजनेस के लिए भी काफी मशहूर है। यह मुंबई का सेंटर ऑफ अटरैक्सन भी माना जाता है, क्योंकि यहां बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज का आना-जाना लगा रहता है। इतना ही नहीं, अंधेरी में कई फिल्म स्टूडियो और फिल्म स्टारों के घर भी हैं। यही कारण है कि अंधेरी की सड़कों पर अक्सर ट्रैफिक देखने को मिलता है। अंधेरी-पूर्व, साकीनाका, डीएन नगर जैसे इलाकों में अक्सर ट्रैफिक जाम होता है, जिसके चलते गाड़ी वालों के साथ-साथ राहगीरों को भी काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। अंधेरी की सड़कों पर भीड़ को देखते हुए ही ऊपर-ऊपर मेट्रो लाइन बनाई गई है, लेकिन इसका असर नीचे सड़कों पर देखने को नहीं मिल रहा है। ट्रैफिक को कम करने के लिए ही यहां फ्लाईओवर की योजनाओं पर भी जोर दिया गया, लेकिन सब नाकाम साबित हुई हैं। अंधेरी-कुर्ला रोड़ और जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड से आस-पास के क्षेत्रों को जोड़नेवाली काफी सड़कें आज भी संकरी हैं, जिस जगह पर पहुंचने के लिए १५ मिनट का समय लगना चाहिए।
देर रात तक करना पड़ता है काम
मैं अंधेरी के साकीनाका में एक ऑफिस में काम करता हूं। मैं नालासोपारा से अंधेरी-ईस्ट उतरता हूं और बेस्ट बस से यात्रा करता हूं। मुझे बस से इस दूरी को तय करने में १ घंटा २० मिनट का समय लगता है। मैं चाहे कितना भी जल्दी अंधेरी आ जाऊं, लेकिन मुझे ऑफिस पहुंचने में देर हो ही जाती है, जिसके लिए मुझे ऑफिस में देर रात तक काम करना पड़ता है।
-चंद्रेश गुप्ता, नालासोपारा
रिक्शा जल्दी हो जाते हैं खराब
जब भी मुझे अंधेरी-ईस्ट का किराया मिलता है तो ज्यादातर तो ग्राहकों को ‘नहीं’ कहना पड़ता है। इससे ग्राहक भी नाराज हो जाते हैं। आखिर हम क्या करें वहां इतना ट्रैफिक होता है कि हम डेढ़ घंटे तक उस ट्रैफिक में खड़े रहते हैं। जब से अंधेरी-ईस्ट और वेस्ट का गोखले ब्रिज बंद हुआ है तब से ट्रैफिक और भी ज्यादा बढ़ गया है। हम ऑटोरिक्शा वालों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हम ऑटोवालों की कोई सुनवाई नहीं है। ट्रैफिक के कारण हमारे रिक्शा के इंजन भी जल्द गर्म हो जाते हैं। इसके चलते हमारे ऑटोरिक्शा बार-बार खराब हो जाते हैं।
-वाहिद खान, अंधेरी-ईस्ट
ग्राहकों की सहनी पड़ती है नाराजगी
मैं एक डिलिवरी ब्वाय हूं, मुझे लोअर परेल से गोरेगांव तक कहीं भी ऑर्डर ड्रॉप करना होता है, लेकिन अंधेरी-पश्चिम का ऑर्डर आते ही पसीना छूटने लगता है। जब भी मैं अंधेरी जाता हूं तो विलेपार्ले हवाई अड्डे से अंधेरी मेट्रो लाइन तक इतना ट्रैफिक जाम होता है कि मुझे उसे पार करने में लगभग ४५ से ६० मिनट लग जाता है। ट्रैफिक होने के चलते ऑर्डर की डिलिवरी करने में देरी हो जाती है और फिर कंपनी मेरे पैसे काट लेती है। देरी की वजह से ग्राहकों की नाराजगी भी सहनी पड़ती है। इस ट्रैफिक से पता नहीं कब मुक्ति मिलेगी।
-अंकित यादव, बांद्रा