मुख्यपृष्ठनए समाचारमुंबई की लाइफलाइन से यात्रा बनी चुनौती! ...०३ माह में २०० से...

मुंबई की लाइफलाइन से यात्रा बनी चुनौती! …०३ माह में २०० से ज्यादा पॉइंट फेलियर्स

२२ अगस्त को रेल यात्री संगठन करेंगे विरोध
क्राउड मैनेजमेंट के लिए अलग आथॉरिटी की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में आरामदायक और किफायती यात्रा के लिए लोकल ट्रेन को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। यही वजह है कि मुंबई की लोकल को ‘मुंबई की लाइफलाइन’ भी कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यात्रा के दौरान हो रही भीड़ और तकनीकी दिक्कतों से तंग आकर यात्री संगठनों ने विरोध करने का निर्णय लिया है।

विरोध की वजह
रोजाना पश्चिम और मध्य रेलवे की लोकल ट्रेन सेवाओं का उपयोग कर ६७ लाख से ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं। हर दिन लाखों लोगों का एक तय समय होता है। वे अपने निर्धारित समय पर ऑफिस, स्कूल और कॉलेज जाने के लिए लोकल ट्रेन से यात्रा करते हैं। पिछले कुछ महीनों में बढ़ रही यात्री भीड़ और ३ महीनों में हुए २०० से ज्यादा पॉइंट फेलियर्स की वजह से यात्रा करना एक चुनौती बन गया है। इस स्थिति को सुधारने के लिए रेलवे अधिकारियों से यात्री संगठन ने विरोध कर क्राउड मैनेजमेंट के लिए अलग अथॉरिटी की मांग की है।

विरार और दहाणू के ट्रैक बढ़ाने के बीच काम की गति धीमी
मुंबई की भीड़ को कम करने और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एमयूटीपी ३ के तहत विरार और दहाणू के बीच क्वाडरपीलिंग (मौजूदा ट्रैक्स की संख्या को चार गुना बढ़ाना) का काम चल रहा है। इस काम की प्रगति अब तक २८ प्रतिशत हुई है। जमीनी अधिग्रहण के कारण काम में देरी हुई है। वर्तमान समय में विरार और दहाणू के बीच कुल २ ट्रैक हैं, जिन पर पूरे दिन में ३० सेवाएं संचालित होती हैं।

पनवेल-कर्जत और ऐरोली-कलवा परियोजना की धीमी चाल
पनवेल-कर्जत खंड, जो मुंबई और उसके बाहरी इलाकों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था, उसका अभी तक केवल ५६ प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है। यात्री इस योजना के जल्द से जल्द पूरा होने की उम्मीद कर रहे है, वहीं ऐरोली-कलवा खंड की स्थिति और भी चिंताजनक है। इस खंड का ४५ प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है और बाकी काम रुक गया है।

पुलिस ने जारी किया नोटिस
ठाणे रेलवे पुलिस ने रविवार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा १६८ के तहत २२ अगस्त को यात्री संगठनों द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शन के खिलाफ नोटिस चिपका दिया, जिसमें चेतावनी दी गई कि रेल सेवाओं या यात्रियों की आवाजाही में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अन्य समाचार