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एनडीए में गड़बड़झाला … भाजपा को हार का डर सताया! … चिराग छोड़ सकते हैं साथ

 ४०० पार का सपना होगा चकनाचूर

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
बिहार में एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान कहे जानेवाले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान एनडीए में भाजपा के प्रस्ताव से खासा नाराज हैं। अब खबर आ रही है कि चिराग की नाराजगी को देखते हुए `इंडिया’ अलायंस से उन्हें बड़ा ऑफर मिला है। दुश्मन का दुश्मन अपना दोस्त होता है इस फॉर्मूले पर चलते हुए `इंडिया’ गठबंधन ने चिराग को बिहार सहित अन्य दो सटे राज्यों में भी सीटें देने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के अनुसार, चिराग को बिहार में ६, यूपी में २ और अन्य २ सीट देने की पेशकश की है। बिहार में एनडीए का सियासी कुनबा बिखरने लगा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि एनडीए में सब गड़बड़झाला हो गया है। सूत्रों की मानें तो इस ऑफर पर चिराग एनडीए से अलग हो सकते हैं। ऐसे में फिर से सत्ता में आने का भाजपा का सपना चकनाचूर हो सकता है। यही वजह है कि इन दिनों बीजेपी थोड़ी डरी-डरी सी लग रही है।

सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान को ऑफर की गई बिहार की आठ सीटों में वे सभी छह लोकसभा सीटें शामिल हैं, जिस पर २०१९ के चुनावों में अविभाजित लोजपा ने जीत दर्ज की थी। इसके अलावा राज्य में दो अतिरिक्त सीट देने की भी बात कही गई है। इस तरह उन्हें कुल आठ सीटें देने का प्रस्ताव रखा गया है। अगर चिराग भाजपा से अलग होंगे तो एनडीए को करीब ५ फीसदी वोट गंवाना पड़ सकता है। राज्य में पासवानों का करीब ५.५ फीसदी वोट है, जिसे चिराग पासवान के साथ माना जाता है। पीएम मोदी की हालिया दो सभाओं में चिराग पासवान शामिल नहीं हुए थे, जिससे उनके नाराज होने की चर्चा चल रही है।
`इंडिया’ गठबंधन की तरफ से दिया गया ऑफर चिराग के लिए बेहद लुभावना है। क्योंकि भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए में उन्हें सिर्फ वही छह सीटें दी जा रही हैं, जो वर्ष २०१९ में रालोजपा ने ६ सीटें जीती थीं। एनडीए की तरफ से चिराग को सिर्फ सीटिंग जमुई सीट ही मिल रही है, जबकि वह पिता रामविलास पासवान की पारंपरिक सीट हाजीपुर समेत छह सीटों पर अपना दावा ठोक रहे हैं।
रूठे-रूठे से चिराग
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद २०२१ में पार्टी विभाजित हो गई थी। उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने पांच सांसदों के साथ विद्रोह करते हुए पार्टी पर कब्जा कर लिया था। इस विद्रोह के कुछ दिनों बाद ही पारस को केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जाने पर चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतिश कुमार पर हमला बोला था। इस दौरान चिराग पासवान खुद को मोदी का हनुमान कहते रहे हैं, लेकिन मोदी ने उनके दुश्मन नीतिश को अपने साथ मिलाकर चिराग को झटका दिया है।

भाजपा की कथनी और करनी में दिखा फर्क
विपक्षी दलों को परिवारवादी होने का आरोप लगा कर लोकसभा चुनाव जीतने की गरज से २०२४ के चुनाव से पहले परिवारवादी पार्टियों से गठबंधन कर लिया है। अखिलेश यादव के साथ विधानसभा चुनाव लड़े सुभासपा को तोड़कर गठबंधन कर लिया। उत्तर प्रदेश की घोषी लोकसभा सीट से ओम प्रकाश राजभर के बेटे डॉ़ अरविंद राजभर को एनडीए प्रत्याशी बना दिया गया है। इसके पहले अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बेटी अनुप्रिया पटेल को एनडीए में जोड़कर सांसद बना कर केंद्र में मंत्री बनाया। अनुप्रिया पटेल के पति इंजीनियर आशीष पटेल को विधान परिषद में भेजकर प्रदेश में वैâबिनेट मंत्री बनाया है। रालोद भी परिवारवदी पार्टी है।

 

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