-कई कंपनियां भारत छोड़ कर सकती हैं अमेरिका का रुख
एजेंसी / वॉशिंग्टन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश के आर्थिक घाटे को पूरा करने के लिए दुनिया के देशों पर शुल्क (टैरिफ) का बोझ डाल दिया है। ट्रंप ने अमेरिका के सभी व्यापारिक साझेदारों पर ‘पारस्परिक शुल्क’ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप का यह एलान पीएम नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात के कुछ समय पहले आया। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह एलान हिंदुस्थान के लिए काफी बड़ा झटका है। इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर तो पड़ेगा ही, इससे बेरोजगारी और महंगाई भी बढ़ेगी।
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, भारत का प्रभावी औसत टैरिफ अमेरिकी निर्यात पर अमेरिका की तुलना में काफी अधिक है। ट्रंप ने इस घोषणा के साथ स्पष्ट किया कि अगर कोई कंपनी अमेरिका में पैâक्ट्री लगाती है तो उसे कोई टैरिफ नहीं देना होगा। इससे हिंदुस्थान से कई कंपनियां अमेरिका आ सकती हैं, जिससे भारत में बेरोजगारी की बाढ़ आ सकती है।
ट्रंप ने बनाया प्रेशर
ट्रंप ने अपने एलान के साथ भारत पर बड़ा प्रेशर बनाया है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के बाद भारत को ३० से अधिक प्रोडक्ट्स पर टैरिफ में कटौती करनी होगी। यही नहीं अब मोदी सरकार को अमेरिका से डिफेंस और एनर्जी प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट में वृद्धि करनी पड़ सकती है।
भारत पर सबसे ज्यादा प्रभाव
भारत उन देशों में शामिल है, जो इन नए टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। कई कंपनियां जो भारत में अपना कारोबार कर रही हैं, वह अमेरिका की ओर रुख कर सकती हैं ताकि उनको अपने प्रोडक्ट्स पर टैरिफ न देना पड़े। अगर ऐसा होता है तो भारत में उनके द्वारा पैदा किए गए रोजगार पर असर पड़ेगा और अगर वह यहीं रहती हैं तो उनको अधिक टैरिफ चुकाना होगा, जिसका भार भारतीय लोगों को भी सहना पड़ सकता है।
कठिन व्यापारिक साझेदार
ट्रंप ने भारत को कठिन व्यापारिक साझेदार बताया और कहा कि अमेरिका अब वही टैरिफ लागू करेगा जो अन्य देश उस पर लगाते हैं। उनके अनुसार, जो वे हमसे चार्ज करेंगे, हम भी उतना ही चार्ज करेंगे। यह एक सुंदर और सरल सिस्टम है, जिससे ज्यादा या कम चार्ज करने की चिंता नहीं होगी।