सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन ने 33 दिनों के बाद अलविदा बोल दिया है। मौसम में गर्मी के अहसास के कारण मुरझा रहे फूलों के कारण फ्लोरीकल्चर विभाग के निदेशक ने इसको आज से बंद करने का आदेश जारी किया था। इतना जरूर था कि 33 दिनों के भीतर आने वालों ने इस बार नया रिकॉर्ड कायम किया था। कुल 4.25 लाख आने वालों ने इस साल एक नया रिकॉर्ड बनाया था!
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के प्रतिष्ठित ट्यूलिप गार्डन ने आज जनता के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। यह निर्णय ट्यूलिप ब्लूम सीजन के अंत के बाद लिया गया है।
2007 में अपने उद्घाटन के बाद से ट्यूलिप गार्डन एक अवश्य देखने योग्य स्थान के रूप में उभरा है, जो 30 हेक्टेयर में फैला है और जबरवान पहाड़ियों की पृष्ठभूमि में ट्यूलिप और अन्य वनस्पतियों की एक जीवंत श्रृंखला प्रदर्शित करता है। हालांकि, बंद होने से उन लोगों को निराशा हो सकती है, जिन्होंने दौरे की योजना बनाई थी। यह बगीचे के संरक्षण के लिए आवश्यक है।
प्रशासन इस अवधि के दौरान बगीचे को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए बंद का सम्मान करने के महत्व पर जोर देता है। अस्थाई रूप से बंद होने के बावजूद ट्यूलिप गार्डन श्रीनगर के पर्यटन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना हुआ है। इसके दीर्घकालिक संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए इसकी निरंतर सफलता की आशा है। गार्डन तैयार करने में लगभग 6 महीने का समय लगा था और गार्डन के खुलने से पहले ही बड़ी योजना बना ली गई थी। लगभग 500 बागवानों और कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके जनता के लिए इस उद्यान को तैयार किया था। पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आए थे, जिन्होंने खूबसूरत नजारों का आनंद लिया था। पिछले साल 3.75 लाख पर्यटक ट्यूलिप गार्डन में आए थे तो इस बार यह आंकड़ा 4.25 लाख था। हरियाणा से आए पर्यटक संदीप और राजा चौधरी का कहना था कि हमने अपनी यात्रा की योजना ट्यूलिप के खिलने के साथ बनाई थी। यह एक शानदार अनुभव रहा है और मैंने अपने जीवन में ट्यूलिप के इतने खूबसूरत और इतने रंग कभी नहीं देखे थे। उन्होंने कहा कि अब तक हमने उन्हें केवल टीवी पर देखा था और अब आखिरकार उन्हें लाइव देखा।
कश्मीर की नई पहचान ट्यूलिप गार्डन में आने वालों का सैलाब इन 33 दिनों में कभी नहीं थमा था। यह सैलाब कितना था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि पिछले साल की तुलना में इस बार प्रतिदिन 3 हजार पर्यटक ज्यादा आ रहे थे, जबकि 33 दिनों में 4.25 लाख पर्यटकों ने ट्यूलिप के लाखों फूलों का दीदार किया था। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 3.75 लाख पर्यटक ट्यूलिप में आए थे और सबसे अधिक चिंता की बात यह थी कि बड़ी संख्या में लोग यह भी कहते रहे हैं कि शहर और अन्य जगहों पर होटलों की प्री-बुकिंग के कारण वे कश्मीर नहीं आ पा रहे थे।
गार्डन विभाग के उप निदेशक इखलास शायिक के मुताबिक, इस बार ट्यूलिप में हर समय पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई है। वे बताते थे कि पिछले वर्ष की तुलना में ट्यूलिप गार्डन में प्रतिदिन 3,000 अतिरिक्त पर्यटक आए थे। शायिक का कहना है कि इस बार अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का प्रवाह भी अधिक रहा है। शायिक ने बताया कि हम इस साल बगीचे में हर समय उच्च पर्यटक संख्या की उम्मीद करते रहे थे और यह सपना पूरा भी हुआ है।