आज होता तुलसी एकादशी वृत उपवास
हिमगिरी पर श्रीहरि और गौरी का वास।
सभी करते हरि विष्णु की आराधना,
मधुमास में श्री हरिनारायण का वास।
सदा करो जप तप,और दान,
वहां करते सदा हरि विष्णु का वास।
यही है एकादशी व्रत रखने का विधान,
देव स्थान पर जगाए देवो को,
सात्विक रखें आहार विचार।
करूणा और क्षमा रखें मधुर व्यवहार,
आज होता तुलसी का विवाह।
हजारों यज्ञो का फल है आज,
तुलसी का करें पूजन ब्राह्मणों का करें वंदन।
करें रात्रि जागरण करें वृत पारायण,
सभी दुखों से मुक्ति संकट हो निवारण।
कीर्तन हवन, पूजन ,शाम हो हरि भजन,
यह है एकादशी पर्व है मन भावन।
यह है तुलसी एकादशी,
आज होता हरि विष्णु का वास।।
गोविन्द सूचिक अदनासा
खिरकिया