सामना संवाददाता / मुंबई
गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर मलाड-पूर्व के शारदा ज्ञानपीठ सभागार में महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी और अखिल ब्रह्मविज्ञान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह संपन्न हुआ। समारोह में अकादमी के कार्याध्यक्ष शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि भारतीय मूल्यों की प्रतिष्ठा के लिए प्रसिद्ध कवियों, साहित्यकारों और कलाकारों की जयंतियों का समारोह पूर्वक उत्सव मानाने के साथ ही उनके विचारों, भावनाओं एवं मूल्यों को अपने जीवन के व्यवहार में आत्मसात करने की आवश्यकता है। गोस्वामी तुलसीदास ने कविता और मानव जीवन में सार्थकता, मूल्य, रसमयता और छांदिक अनुशासन पर बल दिया। उन्होंने भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों के संवर्धन का अप्रतिम सूत्र दिया, जो हमारे लिए आज भी प्रेरणा स्रोत है।
कार्यक्रम में श्रीभगवान तिवारी, देवेंद्र तिवारी, श्रीराम पाल, अनिल मिश्र ने गोस्वामी तुलसीदास के साहित्य पर प्रकाश डाला। योगाचार्य भारतेंदु ने बांसुरी पर श्रीरामधुन पर उपस्थित लोगों को आह्लादित कर दिया। आचार्य रामव्यास उपाध्याय के स्वस्तिवाचन तथा रोशनी किरण की सरस्वती वंदना से आरंभ कार्यक्रम में अवनीश सिंह, रीमा राय सिंह, शशिकला पटेल, अर्चना उपाध्याय, सुनीता सिंह, ओमप्रकाश दुबे आदि ने शोध-प्रपत्र प्रस्तुत किए। श्रीमान भाटी ने अकादमी और संस्थान के इस आयोजन को सामाजिक, सांस्कृतिक- भारतीय मूल्यों की प्रतिष्ठा के समारोह रूप में प्रस्तुत किया।