विक्रम सिंह/सुल्तानपुर
देश में इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य पर विमर्श के लिए सुल्तानपुर के कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान में शुक्रवार से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है। जिसमें देश-विदेश के विभिन्न नामी-गिरामी संस्थानों के विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं। गुरुवार को केएनआईटी निदेशक प्रो. राजीव उपाध्याय ने बताया कि संस्थान में ‘इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हाइब्रिड मोड में होगा। यह सम्मेलन भारत में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा के उद्देश्य से विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद्र उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष और सम्मेलन संयोजक प्रो. हर्ष विक्रम सिंह ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षाविदों, पेशेवरों और शोधकर्ताओं को उनके अनुसंधान परिणामों, नवाचारी विचारों और अनुभवों को आदान-प्रदान करने व उभरते अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह सम्मेलन नई प्रौद्योगिकी पर जानकारी के प्रसार में मदद करेगा। जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका राष्ट्र विकास व प्रकृति संरक्षण करते हुए संसाधन का गुणवत्ता पूर्वक उपयोग है।
सम्मेलन में विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ और विद्वान भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र सैनडिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी. यूएसए के प्रोफेसर सतीश कुमार शर्मा, आईआईटी बीएचयूके विशेषज्ञ डॉ. सत्यव्रत जीत, क्यूशू प्रौद्योगिकी संस्थान जापान के प्रो. शियाओगिंग वेन, लुइज़ियाना स्टेट यूनिवर्सिटी यूएसए के प्रो. सुरेश राय, नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नॉर्वे के प्रो. आलोक मिश्र, मल्टीमीडिया विश्वविद्यालय मलाका के प्रो. डॉ. लौ सियांग होह व्याख्यान देंगे।
प्रो. एसपी गंगवार ने बताया कि इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य न केवल समाज के उपेक्षित वर्गों को मुख्यधारा में लाने का माध्यम है बल्कि यह सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी सहायक है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन नवीनतम शोध परियोजनाओं और प्रौद्योगिकीय नवाचारों को साझा करने का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा।
प्रो. सिंह ने बताया कि हमने लगभग १०० शोध पत्र प्राप्त किए हैं और व्यापक समीक्षा के बाद ४० शोध पत्र स्वीकार किए गए। इन ४० पत्रों को ८ मौखिक सत्रों और दस आमंत्रित वार्ताओं की विभिन्न श्रेणियों में प्रस्तुत किया जायेगा। यह सम्मेलनइंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के प्रमुख क्षेत्रों को कवर करेगा जो समाजोपयोगी अनुसंधान क्षेत्रों से सीधे जुड़े हुए हैं, जैसे ग्रीन टेक्नोलॉजी और ग्रामीण पर्यावरण, सतत विकास के लिए कृषि में तकनीक, सामाजिक परिवर्तन के लिए वीएलएसआई डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग उपभोक्ता प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए मोबाइल एचएमआई मानव-केंद्रित डिजाइनों के लिए नैनो प्रौद्योगिकी वाहन इंटरनेट, नियंत्रण, संचार और स्वचालन सक्षम प्रौद्योगिकियों, बड़े डेटा विश्लेषण बायोइन्फॉर्मेटिक्स क्लाउड कंप्यूटिंग डेटा माइनिंग वितरित कंप्यूटिंग समांतर कंप्यूटिंग सेंसर नेटवर्क और सर्वव्यापी कंप्यूटिंग जिन्हें कंप्यूटर ट्रैक सत्र में चर्चा की जाएगी जो समाज की आवश्यकताओं को पूरा करती है। डेटा के बड़े सेट को संग्रहित, व्यवस्थित और विश्लेषण कर पैटर्न और उपयोगी जानकारी की खोज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीकों पर विस्तृत चर्चा होगी।