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दो फायर स्टेशन, ७० जगहों पर स्पीड कैमरे … कोस्टल रोड मुंबई को देगा तेज अग्निसुरक्षा! …आग लगने पर तेजी से पहुंचेगा बचाव दल

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में किसी भी जगह आग लगती है, तो अविलंब मौके पर पहुंचने के लिए कोस्टल रोड पर अब अत्याधुनिक सुविधाओं वाले दो अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इससे दुर्घटनाओं में जान-माल की हानि कम करने और आग लगते ही बिना देरी के बचाव करने के साथ ही सुरक्षा में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ७० स्थानों पर स्पीड वैâमरे लगाए जाएंगे, जिससे दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। इस तरह की जानकारी मनपा के अतिरिक्त आयुक्त अमित सैनी ने दी।
मुंबईकरों की यात्रा को गति देने के लिए प्रिंसेस स्ट्रीट से वर्ली सी लिंक तक कुल १०.५८ किलोमीटर लंबी कोस्टल रोड का निर्माण किया जा रहा है। यह कोस्टल रोड ४० मिनट की यात्रा को केवल ९ से १० मिनट में पूरा कर देगी, जिससे ७० प्रतिशत समय और ३४ प्रतिशत र्इंधन की बचत होगी। मनपा इस परियोजना पर १४,००० करोड़ रुपए खर्च कर रही है। कोस्टल रोड परियोजना में १७५ एकड़ खुली जगह भी उपलब्ध होगी। मनपा इस भूमि का उपयोग पार्क, पार्किंग स्थल आदि जैसी नागरिक सुविधाएं बनाने के लिए करेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां दो अग्निशमन केंद्र भी बनाए जाएंगे। इसके लिए मनपा ने स्थान चिंहित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दूसरी तरफ फायर स्टेशन के निर्माण के संबंध में अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार लिया जाएगा।
गति सीमा तोड़ने पर कार्रवाई
कोस्टल रोड पर स्कूटर और दोपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, कई बार देखा गया है कि कुछ अति उत्साही युवक आधी रात को इस स्थान पर बाइक चलाते नजर आते हैं। स्थानीय निवासियों ने भी इसकी शिकायत की है। यह भी जानकारी सामने आई है कि स्विगी और जोमैटो जैसी कुछ कंपनियों की बाइकें भी इस मार्ग पर चल रही हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए मनपा प्रवेश द्वार पर अपने मानव बल तैनात करेगी और इस कार्य के लिए पुलिस की मदद भी लेगी। इस बीच कोस्टल रोड पर सुरंग में गति सीमा ६० किमी घंटा और खुली सड़क पर ८० किमी घंटा निर्धारित की गई है। स्पीड कैमरों के कारण इस नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मरीन ड्राइव से दहिसर तक सुरक्षा
मुंबई में हर सड़क पर दिन-रात ट्रैफिक की भीड़ के कारण कभी-कभी आग जैसी दुर्घटना होने पर घटनास्थल पर पहुंचने में देरी हो जाती है। इससे आग की तीव्रता बढ़ जाती है और जान-माल की हानि का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, प्रिंसेस स्ट्रीट-मरीन ड्राइव से शुरू होने वाली कोस्टल रोड निकट भविष्य में सीधे दहिसर-भायंदर तक जाएगी। इस मार्ग में महत्वपूर्ण स्थानों पर इंटरचेंज हैं। इसलिए यदि मुंबई शहर, पूर्व और पश्चिम उपनगर सहित मुंबई में कहीं भी आग की दुर्घटना होती है, तो कोस्टल रोड अग्निशमन दल को बचाव उपकरणों के साथ दुर्घटना स्थल पर शीघ्र पहुंचने में मदद करेगी।

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