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काशी में भ्रमण के लिए आए दो सगे भाइयों ने फांसी लगाकर दे दी जान

आत्महत्या के वजह की तफ्तीश में जुटी पुलिस

उमेश गुप्ता/वाराणसी

वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के मानसरोवर (सोनारपुरा) मोहल्ले में स्थित रामतारक आंध्रा आश्रम में दो सगे भाइयों ने फांसी लगाकर जान दे दी। उनकी पहचान आंध्र प्रदेश के नारायणपुरम जिला वेस्ट गोदावरी के रहने वाले पी. लक्ष्मी नारायण (34) और पी. लोक विनोद (32) पुत्र तिरुपति राव के रूप में हुई है। दोनों 28 अगस्त को वाराणसी आए और यहां दर्शन-पूजन के नाम पर आश्रम में रुके थे। दोनों के शव छत की कड़ी में गमछे के सहारे लटकी मिली।

मंगलवार की दोपहर सफाईकर्मी के पहुंचने पर कमरे से आ रही दुर्गंध से उसे कुछ शक हुआ। उसने दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। अनहोनी की आशंका पर उसने आश्रम के ट्रस्टी मैनेजर वीवी सुंदर शास्त्री को सूचना दी। जिस पर उन्होंने एसीपी भेलूपुर धनंजय मिश्रा और इंस्पेक्टर भेलूपुर विजय शुक्ला को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसीपी भेलूपुर धनंजय मिश्रा और इंस्पेक्टर भेलूपुर विजय शुक्ला फॉरेंसिक टीम के साथ पहुंचे। आश्रम के ट्रस्टी मैनेजर और पुलिस की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा गया, हालांकि कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, जिससे उनके खुदकुशी करने की वजह का पता चल सके।

घटनास्थल के निरीक्षण के बाद पुलिस ने आशंका जताई कि पहले बड़े भाई लक्ष्मी नारायण ने फांसी लगाई होगी, उसका हाथ पैर बंधा था। इसके बाद छोटा भाई लोक विनोद फंदे पर लटका होगा। दोनों के शव फूल गये थे। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। आश्रम के ट्रस्टी मैनेजर ने बताया कि दोनों 28 अगस्त को वाराणसी आए थे । वह पांच सितंबर के बाद कमरे के बाहर दिखाई नहीं पड़े थे। छोटा भाई 8 सितंबर को दोपहर में कमरे से बाहर निकल कर कूड़ेदान भीतर ले जाते सीसीटीवी कैमरे में कैद है। इसके बाद उनका दरवाजा नहीं खुला था। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों ने आठ सितंबर को ही फांसी लगा ली थी। यह भी माना जा रहा कि उनकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं रही होगी। दोनों के मोक्ष के लिए जान देने की उम्मीद लगाई जा रही है। क्योंकि इससे पहले भी दक्षिण भारत के कई यात्रियों ने आंध्रा आश्रम समेत नगर के होटलों व गेस्ट हाउसों में ऐसा कर चुके हैं।

दो युवा सगे भाइयों की मौत से आंध्रा आश्रम में मौजूद आए आंध्रप्रदेश के यात्रियों में शोक की लहर दौड़ गई। आधे से अधिक यात्रियों ने शोक में दोपहर का भोजन नहीं किया। दोनों भाइयों के पिता तिरुपति राव से पुलिस संपर्क करने में जुटी रही। बाद में सम्पर्क होने पर परिवारवालों को जानकारी दे दी गई है। पुलिस परिजनों के आने का इंतजार कर रही है। पुलिस दोनों के मोबाइल फोन कब्जे में लेकर छानबीन कर रही है। आश्रम के मैनेजर वी. वी. सुंदर शास्त्री ने बताया कि इस आश्रम में सिर्फ दक्षिण भारत के आने वाले तीर्थयात्रियों को नान एसी 200 और एसी कमरा 900 रुपये में दिया जाता है। दोनों भाइयों ने यहां आने का मकसद काशी भ्रमण बताया था।

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