अजय भट्टाचार्य
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में आमंत्रित न किए जाने से बुरी तरह खफा प्रधानमंत्री ने अमेरिका को करारा झटका दिया है। उन्होंने अमेरिका में बड़ी संख्या में रह रहे अप्रवासी देशवासियों को वापस बुला लिया है। सभी देशवासियों को अमेरिकी वीजा को लात मारकर, तत्काल स्वदेश लौटने का आदेश दिया गया है।
सर्वविदित तथ्य है कि अमेरिका में रह रहा हमारे देश का समुदाय उसकी अर्थव्यवस्था का इंजन है। २० बिलियन डॉलर से ज्यादा की २० कंपनियों में अपने देश का सीईओ है, उसके बैंक, सॉफ्टवेयर, निर्माण और रिटेल में हमारे देश के लोगों की एक बड़ी हिस्सेदारी है। इस क्रम में विदेश मंत्री ने २० हजार से अधिक अप्रवासियों को वापस बुलाने की पुष्टि कर दी है। आनेवाले समय में करीब १.२० मिलियन लोग स्वदेश का रुख कर सकते हैं। हालांकि, देश में विपक्ष और सोशल मीडिया का एक हिस्सा इसे ट्रंप द्वारा हमारे देशवासियों को अवैध अप्रवासी बताकर निकालने और इस तरह देश का अपमान होने का दुष्प्रचार कर रहा है, परंतु इसमें कोई सच्चाई नहीं है। दरअसल, ट्रंप प्रशासन इस ताबड़तोड़ कार्यवाही से सकते में है। बताया जाता है कि अमेरिकी नीति आयोग ने इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में होनेवाले भयंकर आर्थिक गिरावट से आगाह किया है। अमेरिका के पास इतनी बड़ी संख्या में पेशेवरों को प्रतिस्थापित करने के लिए नए लोगों का इंतजाम करना एक टेढ़ी खीर होगा। वैश्विक स्तर पर हमारे आईआईटी, आईआईएम और उच्च स्तरीय संस्थानों से पढ़े लोगों का मुकाबला करनेवाला मानव संसाधन उपलब्ध ही नहीं है। खबर है कि घबराए ट्रंप ने कई बार प्रधानमंत्री से संपर्क कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, परंतु उन्होंने फोन उठाने से इनकार कर दिया। वे इस बार आर-पार के मूड में दिखाई देते हैं। दरअसल, इसके माध्यम से सरकार दो निशाने एक साथ साध रही है। जहां इससे ट्रंप प्रशासन को उनकी जगह दिखाई जा सकेगी, वहीं देश की अर्थव्यवस्था में एक मिलियन से ज्यादा उम्दा दर्जे के पेशेवरों के वापस आ जाने से देश में व्यापार, व्यवसाय और निवेश को भारी बढ़ावा मिलेगा। एक प्रमुख बिजनेस चैनल पर आर्थिक मामलों के दिग्गजों ने कहा है कि इस एक कदम से देश की अर्थव्यवस्था अगले वर्ष तक १० ट्रिलियन होने की संभावना बन गई है। बहरहाल, जहां व्हाइट हाउस में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं वहां बसे देशी समुदाय में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। लोग खुशी-खुशी स्वदेश लौटने की तैयारी कर रहे हैं। नासा में कार्यरत, केरल के रहनेवाले एक खगोलशास्त्री ने वॉशिंगटन एयरपोर्ट पर हमारे संवाददाता को बताया कि वैश्विक शक्ति बनते हुए अमृतकाल में स्वदेश लौटने का यह सही अवसर है। खबर है कि मैक्सिको बॉर्डर पर स्वदेश लौटने के लिए लोगों में भारी उत्साह है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक प्रधानमंत्री ने ट्रंप का फोन नहीं उठाया था। हम आपको इन पंक्तियो के पढ़े जाने तक टेलीफोन की बजती हुई आवाज सुना रहे हैं – ट्रिंग-ट्रिंग किर्र किर्र…! गोदी मीडिया के लिए रोम-रोम कच्छप की रिपोर्ट।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)