-कल्याण, डोंबिवली, उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर में होती है पानी की सप्लाई
सामना संवाददाता / मुंबई
कल्याण, डोंबिवली, उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर आदि शहरों को पानी सप्लाई करने वाली उल्हास नदी का पानी टैंकर माफिया और कंपनियों की सांठ-गांठ से प्रदूषित हो रही है। यह बात खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वीकार की है।
मुख्यमंत्री की स्वीकोरोक्ति
उल्हास नदी है प्रदूषित!
गत दिनों बदलापुर में आयोजित एक सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि उल्हास नदी के प्रदूषण को रोकने और नदी में मिलने वाले झरनों और नालों को रोककर पानी का प्रसंस्करण करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने नदी को साफ करने की भी बात कहीं।
गौरतलब हो कि उल्हास नदी में शहरों ने प्रदूषित पानी के अलावा विभिन्न शहरों की कंपनियों से निकलने वाले कचरे को भी बिना प्रक्रिया किए नदी में छोड़ दिया जाता है। परिणाम स्वरूप प्रदूषित पानी के कारण लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होते रहते हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों की कंपनियों का अपशिष्ट (कचरा) बिना प्रक्रिया किए टैंकर माफियाओं द्वारा लाया जाता है और उसे उल्हास नदी में छोड़ दिया जाता है।
बताया जाता है कि कंपनियों को अपशिष्ट की प्रक्रिया करने में अधिक खर्च आता है। इसलिए टैंकर माफियाओं को इन कचरों को बाहर ले जाकर फेंकन के लिए कंपनियां अधिक किराया देती हैं। इस तरह के टैंकर माफिया उल्हासनगर, डोंबिवली, कल्याण आदि शहरों में भारी पैमाने पर है जो अन्य राज्यों से खतरनाक केमिकल अपशिष्ट लाकर उल्हास नदी में बहा देते हैं। बताया जाता है कि इस अवैध कारोबार में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों से लेकर पुलिस प्रशासन तक के लोगों का टैंकर माफियाओं की सांठ-गांठ है, इसीलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।