मुख्यपृष्ठनए समाचारमंत्रियों-सांसदों और विधायकों का दबाव ...म्हाडा दे रही सेवानिवृत्त अधिकारियों को विस्तार!...

मंत्रियों-सांसदों और विधायकों का दबाव …म्हाडा दे रही सेवानिवृत्त अधिकारियों को विस्तार! …आरटीआई में हुआ खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने सेवानिवृत्त लोगों की भर्ती की है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि उनमें से कुछ को नियुक्त करते समय सरकारी नियमों को दरकिनार कर विस्तार दिया गया है। लगभग २३ म्हाडा अधिकारियों को दोबारा नियुक्त किया गया है। हालांकि, सरकार ने सेवानिवृत्त लोगों के अनुभव का लाभ उठाने के लिए एक निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति की अनुमति दी है, लेकिन यह देखा गया है कि म्हाडा में सेवानिवृत्त लोग प्रशासनिक मामलों में रुचि रखते हैं।
वर्तमान में म्हाडा में २३ सेवानिवृत्त अधिकारियों को विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे को आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक, ये नियुक्तियां राजनीतिक दबाव में की गई लगती हैं। यह भी स्पष्ट है कि कुछ अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विस्तार मिला है। २०१६ में सरकार ने एक परिपत्र के माध्यम से विशिष्ट कौशल के लिए अनुबंध के आधार पर सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति की अनुमति दी। लेकिन इस पैâसले का दुरुपयोग कर सेवानिवृत्त अधिकारियों को वापस सेवा में लिया जा रहा है। नियुक्त किए गए २३ अधिकारियों में से दस अधिकारियों को म्हाडा के बिल्डिंग रिपेयर बोर्ड में नियुक्त किया गया है। इस बोर्ड के माध्यम से पुरानी और जर्जर इमारतों का रखरखाव किया जाता है। वैसे इस महत्वपूर्ण बोर्ड में कई पद खाली हैं, लेकिन उन्हें भरने की बजाय रिटायर लोगों को नियुक्त किया जा रहा है। दरअसल, आरोप है कि सिर्फ रिटायर लोगों की सुविधा के लिए नियमित भर्ती नहीं की जा रही है। ये नियुक्तियां मंत्रियों, सांसदों या विधायकों की सिफारिशों पर की जाती हैं और उनके पत्रों का उपयोग विस्तार के लिए भी किया जा रहा है।

चौथी बार मिला एक्टेंशन
म्हाडा में बिल्डिंग पुनर्निर्माण और मरम्मत बोर्ड में एक सेवानिवृत्त उप अभियंता को फिर से बढ़ाया गया है। ये अधिकारी सक्रिय हैं और इन्हें लगातार चौथे साल एक्सटेंशन मिला है। सरकार के निर्णय के अनुसार, ऐसे सेवानिवृत्त लोगों को तीन साल तक के लिए नियुक्त किया जा सकता है। यह साफ है कि सब इंजीनियर को राजनीतिक दबाव बनाकर एक साल का एक्सटेंशन और मिल गया। इस अधिकारी को उनकी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद १५ नवंबर २०२१ को विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इस अधिकारी का तीन साल का कार्यकाल १४ नवंबर २०२४ को पूरा हो गया था। बीजेपी के एक विधायक ने १० सितंबर २०२४ को अधिकारी को पत्र देकर दो साल का एक्सटेंशन देने की सिफारिश की थी। इस पत्र में गलत जानकारी दी गई कि इस अधिकारी की नियुक्ति ३० अगस्त २०२३ को हुई थी। इस अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था।

अन्य समाचार