मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ
उपचुनाव में मतदान के ठीक एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री व अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने योगी आदित्यनाथ की सरकार के कानून व्यवस्था पर भड़कने के बहाने कुर्मी वोटों को भाजपा से अलग कर दिया। जिसकी भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यूपी में मिर्जापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र के कुरौठी पांडेय गांव में पिटाई से घायल कार्यकर्ता से मिलने मंगलवार को केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल अस्पताल पहुंचीं। इस दौरान जब उन्हें पता चला कि लाख कोशिश के बाद भी विपक्षियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह पुलिस अधिकारियों पर भड़क गईं। मामले में मुकदमा दर्ज न होने पर पुलिस को जमकर फटकार लगाई।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मां कह रही है कि बच्ची को उठा ले जा रहे हैं। इतनी गुंडागर्दी हो गई है। 24 घंटे होने को है। कोई कार्रवाई नहीं हुई। न मुकदमा हुआ न मेडिकल हुआ। लग रहा है इसको मर जाना चाहिए था तब शायद पुलिस जागती। यह शर्म की बात है। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ये लावारिस नहीं हमारी पार्टी के कार्यकर्ता है। बता दें कि विंध्याचल थाना क्षेत्र निवासी कार्यकर्ता के घर में घुस कर दबंग लोगों ने शराब पी। मना किया तो पुत्री को उठा कर ले जाने लगे। पिता ने विरोध किया तो पिता को मार-मार कर उसका सिर फोड़ दिया। मां की हड्डी-पसली तोड़ दिया। इतनी शर्मनाक बात है कि अभी तक हमारी पुलिस सो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और देश की सरकार जीरो टालरेंस पर काम करती है। बहू व बेटी के साथ किसी भी तरीके का अमर्यादित आचरण बर्दास्त नहीं करेंगे। इसके बाद ये हालत है। दो घंटे का समय दे रही हूं। कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री के पास मामला जाएगा।