सामना संवाददाता / प्रयागराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अभी हाल ही में एक छात्रा से रेप करने के आरोपी शख्स को जमानत देते हुए कहा था कि पीड़िता खुद ही उस घटना के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसी ने मुसीबत को न्योता दिया था। इस मामले की सुनवाई करने वाले और आरोपी को बेल देने वाले जज जस्टिस संजय कुमार सिंह ने कहा कि पीड़िता ने शराब के नशे में धुत होकर आरोपी के घर जाने के लिए सहमति देकर खुद ही मुसीबत को बुलाया था।
पिछले महीने दिए अपने पैâसले में जस्टिस सिंह ने कहा कि महिला एमए की छात्रा है और इसलिए वह अपने हरकत की नैतिकता और महत्व को समझने में सक्षम थी। इसलिए कहा जा सकता है कि उसने खुद मुसीबत को न्योता दिया था।
फैसले पर सवाल
जब यह खबर आई, तो राजनेताओं समेत कई लोगों ने जस्टिस संजय कुमार सिंह के पैâसले पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। उनके इस पैâसले की हर तरफ आलोचना हो रही है। दरअसल, यह पैâसला न्यायिक दृष्टिकोण और लैंगिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करता है।
१९९२ में ली थी कानून की डिग्री
इलाहाबाद हाई कोर्ट की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, जस्टिस संजय कुमार सिंह ने कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध दयानंद कॉलेज ऑफ लॉ, कानपुर से १९९२ में कानून की डिग्री ली। उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबे समय तक वकालत की है।