सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र चुनाव प्रचार में भटकती आत्मा का मुद्दा खूब चला था। हालांकि, अब केंद्र सरकार में चंद्राबाबू नायडू और नीतिश कुमार अतृप्त आत्माएं हैं। नरेंद्र मोदी को पहले उन दो आत्माओं को संतुष्ट करना चाहिए। जिस तरह से कैबिनेट का बंटवारा हुआ है, उससे सभी आत्माएं असंतुष्ट हैं। हमारी बात करें तो भटकती आत्मा कभी किसी का पीछा नहीं छोड़ती। जब तक नरेंद्र मोदी को उनके पद से नहीं हटा देते और महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना लेते, तब तक हमारी आत्माएं शांत नहीं बैठेंगी। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी मजबूत है। इस चुनाव में हम महाविकास आघाड़ी की ताकत दिखाएंगे और महाराष्ट्र में सत्ता स्थापित करेंगे। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार को भटकती आत्मा कहा था। इस मुद्दे पर विपक्ष ने उन पर जमकर निशाना साधा था। इस मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने नरेंद्र मोदी पर जोरदार टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मोदी बीते दस वर्षों से लोगों को खुली छूट दी है, लेकिन अब हम मोदी से सवाल नहीं करेंगे, बल्कि चंद्राबाबू नायडू और नीतिश कुमार से सवाल करेंगे, क्योंकि ये सरकार नीतिश कुमार और चंद्राबाबू नायडू के समर्थन से बनी है इसलिए यह सरकार तब तक रहेगी, जब तक वे मेहरबान रहेंगे।
कैबिनेट में एक भी नहीं है मुस्लिम मंत्री
पत्रकारों द्वारा कैबिनेट में एक भी मुस्लिम मंत्री न होने के सवाल पर संजय राऊत ने कहा कि मोदी देश में हिंदू-मुसलमान करते आ रहे हैं। मोदी को लगता है कि मुसलमानों ने उन्हें वोट नहीं दिया इसलिए उनके मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं है। ये हमारे संविधान के खिलाफ है। यह सरकार जाति और धर्म के आधार पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री किसी जाति या धर्म के नहीं होते हैं। क्या नीतिश कुमार और चंद्राबाबू को स्वीकार्य है? अगर नरेंद्र मोदी ने ऐसा नहीं किया तो नीतिश कुमार और चंद्राबाबू को अपने कोटे से मुस्लिम मंत्री बनाना चाहिए था। वे भी दबाव में क्यों आए? इस तरह का सवाल भी संजय राऊत ने पूछा।
किसी को नहीं मिला बड़ा मंत्रालय
संजय राऊत ने कहा कि नीतिश कुमार, चंद्राबाबू नायडू, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी को क्या मिला? कुमारस्वामी को सबसे ज्यादा रिजेक्टेड मंत्री पद मिला है। किसी को बड़ा मंत्रालय नहीं मिला। लोकसभा अध्यक्ष का पद नहीं मिला। चंद्राबाबू को नहीं मिला तो घाती को क्या मिलेगा? ये भाजपा ही है, जिसने सभी प्रमुख मंत्रालय आपस में बांट लिए हैं। संजय राऊत ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सरकार नहीं चलेगी।