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जब तक देश की सड़कें नहीं होंगी अच्छी होते रहेंगे हादसे! …बंगलुरु में वॉल्वो हादसे के बाद देश की सड़कों की सुरक्षा पर उठे सवाल

-सोशल मीडिया पर यूजर्स ने नितिन गडकरी से पूछे सवाल

रविवार को बंगलुरू में वोल्वो कार हादसे में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई है, जिसमें लोग देश की सड़कों की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं और उनका कहना है कि जब तक देश की सड़कों को सुरक्षित नहीं बनाया जाता, तब तक सड़क हादसों पर रोक नहीं लग सकेगी। वोल्वो एक्ससी९० कार सबसे सुरक्षित कारों में से एक गिनी जाती है, लेकिन बंगलूरू का हादसा ऐसा था कि ये कार भी परिवार की जान नहीं बचा सकी। दरअसल एक कंटेनर कार के ऊपर पलट गया, जिससे परिवार की दर्दनाक मौत हो गई। इस दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है, जिसमें यूजर्स कह रहे हैं कि सबसे सुरक्षित कार भी तब तक जान नहीं बचा सकती जब तक कि सड़क पर अन्य लोग सुरक्षित तरीके से गाड़ी न चला रहे हों। एक यूजर ने हादसे की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, `यह तस्वीर याद दिलाती है कि सड़क पर सुरक्षित कार से सफर करना ही सुरक्षित रहने की गारंटी नहीं है। सुरक्षित सड़कें, सुरक्षित ड्राइवर और सुरक्षित कार, इन तीनों चीजों से ही सुरक्षा हो सकती है।’ कुछ यूजर्स ने अपने पोस्ट में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को टैग किया है। गौरतलब है कि सड़क हादसों में जान गंवाने वाले देशों में भारत शीर्ष देशों में शामिल है। पिछले साल देश में सड़क हादसों में १.७ लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। मरने वालों में अधिकतर लोग १८-३४ वर्ष के बीच की उम्र के थे।

पिछले ५ साल में रोड एक्सीडेंट में हुईं ७.७७ लाख मौतें
हाल ही में २०१८ से २०२२ के डेटा के आधार पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया, २०२२’ रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें ये बात सामने आई कि देश में पिछले ५ साल में सड़क हादसों में ७.७७ लाख मौतें हुई हैं। सबसे ज्यादा १.०८ लाख मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। इसके बाद तमिलनाडु ८४ हजार मौत और महाराष्ट्र ६६ हजार मौत के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।

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