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अत्याचार गृह बने यूपी के पुलिस थाने…लखनऊ के लॉकअप में एक और मौत…अखिलेश ने योगी सरकार पर साधा निशाना

सामना संवाददाता / लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान कर देनेवाली घटना सामने आई है। यहां एक ३२ वर्षीय कपड़ा व्यापारी मोहित पांडे की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। कपड़ा व्यापारी को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस हिरासत में मौत के बाद लखनऊ के चिनहट पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर और अन्य के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं अब इस मुद्दे पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले १६ दिनों में पुलिस ‘हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए)’ का दूसरा समाचार मिला है। नाम बदलने में माहिर सरकार को अब पुलिस हिरासत का नाम बदलकर अत्याचार गृह रख देना चाहिए। पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं। मामूली बात पर पड़ोसी आदेश कुमार से विवाद के बाद मोहित पांडे को थाने ले जाया गया। थाने में मोहित की मौत हो गई और उसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस और कथित रूप से शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। मोहित के परिवार ने दावा किया कि पुलिस ने आदेश, उसके चाचा और एक राजनीतिक नेता के इशारे पर उसे बेरहमी से पीटा। मोहित की मां तगेश्वरी देवी की शिकायत के आधार पर चिनहट पुलिस स्टेशन में आदेश, ड्राइवर, उसके अज्ञात चाचा, एसएचओ अश्विनी कुमार चतुर्वेदी और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और जांच जारी है। पुलिस के मुताबिक, शिकायतकर्ता का आरोप है कि २५ अक्टूबर की शाम को उसके बेटे का आदेश से मामूली विवाद हो गया। शिकायत के बाद पुलिस पहुंची और मोहित को चिनहट थाने ले गई। बाद में जब मोहित के बड़े भाई शोभा राम उसके बारे में पूछताछ करने के लिए स्टेशन गए, तो उन्हें भी कथित तौर पर नशे में होने के आधार पर हिरासत में लिया गया।
नहीं की गई कोई कार्रवाई- पीड़ित के परिजन
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उनके चाचा और एक राजनीतिक नेता के प्रभाव के कारण आदेश के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों भाइयों को अलग-अलग कमरों में रखा गया और कुछ घंटों बाद पुलिस आदेश को भी थाने ले आई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पुलिस ने मोहित के साथ बेरहमी से मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना को छुपाने के लिए वे कथित तौर पर उसे अस्पताल ले गए।

असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (लखनऊ) पंकज कुमार सिंह ने कहा कि चिनहट पुलिस स्टेशन में मोहित की हालत खराब हो गई, जिसके बाद अधिकारियों को उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ा। यहां से उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बाद में परिवार को उनकी मौत की सूचना दी गई। घटना के बाद भारी भीड़ जमा हो गई और मोहित के परिवार ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के लिए भेजने से पहले उन्हें शव देखने की अनुमति नहीं दी।

– पंकज कुमार सिंह, असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (लखनऊ)

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