मनोज श्रीवास्तव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में दबंग निरंकुश होते जा रहे हैं। ताजा मामला मुरादाबाद का है, जहां कुछ दबंग सिविल लाइंस के अगवानपुर से कार सवार एक युवक को अगवा कर ले गए। इसके बाद उन्होंने उस युवक को बंधक बनाकर जमकर पीटा। आरोपियों ने जूते-चप्पलों का हार पहनाकर उसे गंदगी भी पिलाई। करीब नौ घंटे बाद युवक को छोड़ा गया। गुरुवार को सोशल मीडिया वीडियो वायरल होने के बाद युवक के पिता ने आठ नामजद और १० अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। अगवानपुर के एक मोहल्ले में रहनेवाले २१ वर्षीय युवक का पाकबड़ा क्षेत्र में रहनेवाली रिश्ते की एक युवती से प्रेम संबंध था। दोनों विवाह करना चाहते थे लेकिन विवाह नहीं हो पाया। ५ मार्च को युवक का विवाह दूसरी लड़की के साथ हो गया। उसकी पत्नी ने उसका मोबाइल देखा तो उसमें युवक और उसकी रिश्तेदार युवती के आपत्तिजनक तस्वीरें मौजूद थीं। युवक की पत्नी ने इस बात की शिकायत अपने पिता से कर दी। तब युवक के ससुराल वालों ने युवक के फूफा को इस बात की जानकारी दी। आरोप है कि ३० मार्च की दोपहर करीब १२ बजे युवक को उसके रिश्तेदारों ने फोन कर अगवानपुर रेलवे स्टेशन के पास मिलने के लिए बुलाया। यहां आरोपी उसे अगवा कर पाकबड़ा थाना क्षेत्र में उसकी पूर्व प्रेमिका के घर ले गए। आरोप है कि वहां युवक को बंधक बनाकर उसकी पिटाई की गई। आरोप यह भी है कि इस दौरान युवती द्वारा युवक को मूत्र और गटर का पानी पिलवाया गया और युवक को जूते-चप्पलों की माला पहनाई गई। ३० मार्च की रात करीब १२ बजे उसे छोड़ दिया गया। गुरुवार को इस घटना का वीडियो वायरल होते ही युवक के परिजन सिविल लाइंस थाने पहुंचे और तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई। ऐसे में सवाल उठता है कि योगी जी के बुलडोजर की कथित धमक के बाद भी आखिर दबंगों में इतने दुस्साहस का दम कहां से आया? सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि युवक के पिता की तहरीर पर हजारा, पिंकू, शर्मा, आकाश, रजनी, अंबरशरी, कमल, अरविंद और १० अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, पर उन्होंने यह नहीं बताया कि आम दिनों में बात-बात पर गरजनेवाला प्रशासन का बुलडोजर इस बार मौन क्यों है?
साइबर ठगों के निशाने पर स्टूडेंट्स
यूपी में साइबर ठगों द्वारा ठगी के नए-नए तरीकों से पुलिस की भी नाक में दम हो गया है। एक ताजा मामले में साइबर ठगों ने यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं और उनके पैरेंट्स को निशाना बनाया है। साइबर ठगों द्वारा यूपी बोर्ड हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को फोन करके नंबर बढ़वाने व फेल से पास करवाने का लालच दिया जा रहा है। यही नहीं साइबर ठग स्टूडेंट्स के अभिभावकों से भी पैसों की मांग कर रहे हैं, परंतु योगी जी का शासन-प्रशासन कुछ खास नहीं कर पा रहा है। खबर पैâलने के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने पत्र जारी कर अभिभावकों को सतर्क किया है। विभाग ने पहले साइबर ठगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उसके बाद इस पत्र में शिक्षा परिषद ने फर्जी साइबर ठग व प्रâॉड करनेवालों के झांसे में न आने की हिदायत दी है, परंतु सरकार अपने स्तर पर क्या कर रही है। इस पर फोकस नहीं किया गया है। विभाग ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि इस तरह की फोन कॉल आने पर जिला विद्यालय निरीक्षक को जानकारी दें। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अपने पत्र में लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश की वर्ष २०२४ की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित हुए छात्र-छात्राओं के अंक बढ़ाने तथा उन्हें फेल से पास कराने का प्रलोभन देकर कुछ साइबर ठगों द्वारा परीक्षार्थियों एवं उनके अभिभावकों से धन की मांग कर उन्हें ठगने का कुप्रयास किया जा रहा है। पत्र के आखिरी में लिखा है, अत: समस्त परीक्षार्थियों एवं उनके अभिभावकों से अनुरोध है कि साइबर ठगों के इस प्रकार के फोन कॉल्स का कदापि संज्ञान न लें और प्रलोभन में न आएं।
भाजपा प्रत्याशी का विरोध
पूर्वी उत्तर प्रदेश से भाजपा के लिए एक बुरी खबर आ रही है। आपसी गुटबाजी और गठबंधन की छोटी पार्टियों को विश्वास में न लेना भारतीय जनता पार्टी को महंगा पड़ गया है। उत्तर प्रदेश में अब कम ही ऐसे जिले बचे हैं जहां दो लोकसभा की सीटें हैं। उनमें आजमगढ़ भी ऐसा ही जिला है जहां दो लोकसभा सीटें हैं। यहां प्रत्याशियों के चयन से नाराज भाजपा गठबंधन के साथी दल ने बगावत कर दी है।
आजमगढ़ में पूर्वांचल जन मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जिला भाजपा कार्यालय पहुंचकर जिलाध्यक्ष को पत्र देकर दोनों प्रत्याशियों दिनेश लाल यादव सदर एवं लालगंज नीलम सोनकर के क्रिया-कलापों से अवगत कराया। साथ ही मांग की कि उनकी जगह किसी अन्य प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाए। उनका तर्क था कि हम लोगों ने सदा भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया है पर इस बार प्रत्याशियों को समर्थन नहीं दे पाएंगे। अगर समय रहते उचित कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हुई तो निश्चित रूप से आजमगढ़ की दोनों सीटों पर समर्थन वापस ले लिया जाएगा। कार्यकर्ताओं द्वारा १४ अप्रैल को डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर अग्रिम निर्णय लेने का विचार किया गया है और कहा गया है कि अब नीलम-निरहू की खैर नहीं है। इस घटना के बाद भाजपा के दोनों घोषित प्रत्याशियों, आजमगढ़ से लड़ रहे दिनेश लाल और लालगंज सुरक्षित सीट से लड़ रही नीलम सोनकर की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई है, जिसे देखकर लग रहा है कि यूपी में भाजपा का सपना चूर-चूर होनेवाला है।