-जलेगा महाराष्ट्र, चलेगी लू की लहर
-मई तक अल नीनो का दिखेगा असर
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई और महाराष्ट्र समेत पूरे देश में इस साल गर्मी के मौसम में वसुंधरा आग उगलेगी। इसकी शुरुआत मार्च महीने से हो गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले एक साल से जलवायु में इस तरह का परिवर्तन केवल अल नीनो के कारण दिखाई दे रहा है, जिसका असर इस साल मई महीने के आखिरी दिनों तक बना रहेगा। इस बीच महाराष्ट्र भीषण गर्मी से जलेगा। साथ ही जोरदार तरीके से लू की लहर चलेगी। इस बीच मौसम वैज्ञानिकों ने नागरिकों से सतर्क रहने की सलाह दी है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा साल २०१६ से हर सीजन की शुरुआत में मौसम का पूर्वानुमान तैयार किया जाता है। यह पूर्वानुमान ‘मल्टी मॉडल एन्सेम्बल’ पर आधारित है। इसके लिए देश-विदेश के मौसम विज्ञान संस्थानों और अनुसंधान केंद्रों द्वारा विकसित विभिन्न मॉडलों का सहारा लिया गया है और इसमें ‘मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली’ भी शामिल है। इस बीच अनुमान है कि इस साल मार्च से मई तक राज्य में तापमान में भारी बढ़ोतरी होगी।
लू की चपेट में आएगा महाराष्ट्र
इस साल राज्य में काफी गर्मी पड़ने वाली है। मार्च के इस महीने में तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा। राज्य के अधिकांश जिलों में तापमान में भारी बढ़ोतरी होगी। इस वर्ष मार्च और मई के बीच आनेवाली गर्मी की लहरें अधिक होंगी। मौसम विभाग ने ओडिशा और आसपास के इलाकों में लू चलने की आशंका जताई है। इस वजह से इस साल की गर्म प्रदेशों के नागरिकों को खूब परेशान करनेवाली है। उत्तर-पूर्व हिंदुस्थान, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, दक्षिणी राज्यों के कुछ हिस्सों, पश्चिमी तट पर अपेक्षाकृत कम तापमान रहेगा। इससे यहां के नागरिकों को राहत मिलेगी।
मार्च में बढ़ेगी बारिश
इस साल मार्च महीने में देश में बारिश की मात्रा बढ़ेगी। अनुमान है कि इस साल औसत से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जाएगी। साल १९७१ से २०२० के बीच हुई बारिश के आधार पर देश में मार्च में औसतन २९.९ मिमी बारिश होती है। हालांकि, केंद्रीय मौसम विभाग ने इस साल मार्च महीने में इससे ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है।
अल नीनो का प्रभाव
प्रशांत महासागर में गर्म पानी की धारा अल नीनो की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी विभिन्न मौसम विज्ञान एजेंसियों से संकलित की गई है। इसके अनुसार, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में सतही जल का तापमान औसत से ऊपर दर्ज किया गया है। हालांकि, आनेवाले समय में अल नीनो का प्रभाव कम होकर सामान्य होने की संभावना है।