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सब्जियों के दाम बेलगाम …सरकार के पास नहीं है कोई नीति!

– भगवान भरोसे किसान और उपभोक्ता
– बरसात के बाद अब शीतलहर से भी चौपट हुई खेती 

सामना संवाददाता / मुंबई 
जब से ठंड का मौसम शुरू हुआ है तभी से ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। अब रही सही कसर शीतलहर पूरी कर दे रही है। शीतलहर का असर सब्जियों पर पड़ रहा है, जिससे उनकी आवक कम हो गई है। महंगी होती सब्जियों को देखते हुए लोग धीरे-धीरे सब्जी खाना कम कर रहे हैं। जहां बढ़ती महंगाई से किसान और उपभोक्ता परेशान हैं तो वहीं न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार के पास इस महंगी होती सब्जियों के दाम को कंट्रोल करने का कोई उपाय है।
बताया जाता है कि इस साल बारिश की वापसी में देरी होने के कारण सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ और उनका उत्पादन घट गया। बारिश के बाद फिर से सब्जियों की फसल लगाई गई, लेकिन अब ये फसलें शीतलहर की चपेट में आ गई हैं। इस समय पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। इसकी वजह से सब्जियों की पैदावार कम हुई, जिससे बाजार में कुछ सब्जियों की आवक कम हो गई है और उनके दाम बढ़ गए हैं। नई मुंबई के थोक सब्जी व्यापारी महासंघ का कहना है कि मौसम की वजह से सब्जियों का उत्पादन कम हो गया है। नई मुंबई में वाशी कृषि उपज बाजार समिति को पुणे, जुन्नार, नगर, सातारा, बारामती जैसी विभिन्न जगहों से सब्जियों की सप्लाई की जाती है। इस बाजार समिति से ये सब्जियां ठाणे, मुंबई और उपनगरों के खुदरा बाजारों में बेची जाती हैं। बाजार में नियमित रूप से लगभग ५५० से ६०० गाड़ी सब्जियां आती हैं। पिछले कुछ दिनों से मार्केट कमेटी ने देखा है कि लौकी, ग्वार, पत्ता गोभी, फूल गोभी, बैंगन, परवर जैसी सब्जियों की आवक कम हो गई है. इसलिए इनकी कीमतें १० से २० फीसदी तक बढ़ गई हैं।

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