इगतपुरी-अमाणे खंड अभी तक आधिकारिक रूप से नहीं खुला
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार की बहुप्रतीक्षित समृद्धि महामार्ग परियोजना अब प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक गंभीर सुरक्षा संकट का कारण बन रही है। मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे का इगतपुरी-अमाणे खंड, जिसे मार्च में खोला जाना था, वह अभी तक आधिकारिक रूप से शुरू नहीं हुआ है। बावजूद इसके, स्थानीय वाहन और यहां तक कि सरकारी गाड़ियां भी इस ७६ किलोमीटर के अधूरे हिस्से पर बेरोकटोक दौड़ रही हैं। प्रशासन की निष्क्रियता से यह क्षेत्र दुर्घटनाओं का गढ़ बनने की ओर अग्रसर है।
अधूरी सुरक्षा सुविधाओं के बावजूद यातायात जारी
इस खंड पर अभी भी क्रैश बैरियर लगाने का कार्य जारी है, जिससे सुरक्षा मानकों की कमी साफ नजर आती है। इसके अलावा, अमाणे और शाहपुर के बीच स्थित सुरंगों में अभी तक रोशनी की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे रात में वाहन चलाना और भी खतरनाक हो जाता है। स्थानीय निवासियों ने एमएसआरडीसी (महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम) और हाईवे ट्रैफिक पुलिस पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या वे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं?
पहले भी हो चुकी हैं सैकड़ों मौतें
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर २०२२ से सितंबर २०२४ के बीच समृद्धि महामार्ग पर २०० से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और १,७५० से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने टायर प्रेशर चेकिंग, रेस्ट एरिया निर्माण, रोड हिप्नोसिस जागरूकता अभियान जैसे उपाय अपनाए हैं, लेकिन इनका प्रभाव सीमित ही रहा है।