-नोटिस को ही कार्रवाई मानते हैं अधिकारी
दीपक तिवारी
विदिशा। नवाचारों के माध्यम से सुशासन का डंका समूचे एमपी में बजाने वाले युवा कलेक्टर रोशन कुमार सिंह लगभग हर बैठक में अवैध कॉलोनियों पर रोकथाम के निर्देश देते हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कलेक्टर के निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे। जिसके चलते अवैध कॉलोनियों में आज भी धड़ल्ले से प्लाटों की बिक्री जारी है। आलम यह है कि कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने नाम मात्र के नोटिस जारी किए और दिखावे के लिए तीन-चार कॉलोनियों की रोड और बाउंड्री वॉल जेसीबी से तोड़ दी लेकिन इसका असर भू माफिया पर नहीं हुआ। प्रशासन की खानापूर्ति कार्रवाई को लेकर लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी विदिशा को अवैध कॉलोनियों की सिटी बनाना चाहते हैं।
कागजों में सिमटी प्रशासन की कार्रवाई
हाल ही में कलेक्ट्रेट हुई बैठक में कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदार से कहा था कि विदिशा में अवैध कालोनियां बर्दाश्त नहीं होंगी। अधिकारी बगैर भेदभाव के कार्रवाई कर अवैध कॉलोनी काटने वालों पर एफआईआर दर्ज कराएं। कलेक्टर के इन निर्देशों का जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं हुआ, जिसके कारण अवैध कॉलोनियों में आज तक प्लाटों की बिक्री हो रही है। हालत यह है कि तीन-चार कॉलोनियों में खानापूर्ति के लिए रोड और बाउंड्री वॉल तोड़ी थी। उनकी मरम्मत अवैध कालोनाइजरों ने करा ली और फिर प्लाटों की बिक्री शुरू कर दी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई केवल कागजों में हो रही है और कलेक्टर के निर्देश हवा में उड़ रहे हैं और आज तक एक भी एफआईआर नहीं हुई है।
160 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां बनीं
जिम्मेदार अधिकारियों की ढील के चलते पिछले 15 सालों में जिलेभर में 160 से ज्यादा अवैध कालोनियां बन चुकी हैं। सस्ते दामों पर खेत खरीदकर भू-माफिया प्लाटिंग कर रहे हैं और सुविधाओं के नाम पर खरीददारों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। अधिकारी नोटिस देते हैं और बस उनकी नजर में हो गई कार्रवाई?
5 माह बाद भी जांच पूरी नहीं
जिले के तत्कालीन कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने इसी साल 1 अगस्त को डिप्टी कलेक्टर निकिता तिवारी के नेतृत्व में अवैध कॉलोनियों की जांच के लिए दल गठित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 5 माह बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है। ‘दोपहर का सामना’ ने जांच प्रतिवेदन मांगा तो कलेक्टर कार्यालय ने जांच पूरी न होने का हवाला देकर जानकारी देने से इनकार कर दिया। अपर कलेक्टर के समक्ष अपील की गई तो उन्होंने अपील खारिज कर दी।
कार्रवाई नगरपालिका को करना है- तहसीलदार
इस मामले में शहरी तहसीलदार डॉ अमित सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारा काम अवैध कालोनाइजरों को नोटिस देकर प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय को प्रस्तुत करना था, जो हम कर चुके हैं। शहरी क्षेत्र की 36 अवैध कॉलोनियों पर एफआईआर की कार्रवाई नगर पालिका को करना है।