कोचिंग की अनैतिकता पर लगे लगाम, ‘कालेज कैंपस’ बनें पर्यावरण के मॉडल-विद्यार्थी परिषद
•प्रांतीय अधिवेशन में प्रस्ताव पारित
विक्रम सिंह/सुल्तानपुर
काॅलेज परिसरों को पर्यावरणीय गतिविधियों का केंद्र बनाया जाय। शिक्षा का बाजारीकरण रोका जाए। कोचिंग संस्थानों की बेअंदाज़ी व अनैतिक क्रियाकलापों को बढ़ावा देने वाली मानसिकता पर कड़ाई से लगाम लगाई जाए। ये वो प्रस्ताव हैं, जिसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपने तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन में पारित किये। साथ ही महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों के स्वागत-अगवानी में योगी सरकार का हाथ बंटाने का फैसला लिया गया।
शनिवार को सुल्तानपुर के के एन आई फरीदीपुर कैम्पस में काशी क्षेत्र के २० जिलों के तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन का समापन हो गया। जिसमें प्रांत अध्यक्ष एवं मंत्री के रूप में एक बार फिर से प्रो. शुचिता त्रिपाठी एवं अभय प्रताप सिंह का चुन लिया गया है।
अधिवेशन में ‘स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना’ का अभिनंदन भी किया गया। प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अभिनव मिश्र, प्रांत सह-मंत्री कार्तिकेय पति त्रिपाठी एवं प्रांत सह-मंत्री नमन श्रीवास्तव ने सुझावों के लिये सभी प्रतिनिधियों से आग्रह किया था, जिसके पश्चात सभी सुझावों को सम्मिलित करते हुए प्रांत अध्यक्ष शुचिता त्रिपाठी द्वारा इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया गया है। भाषण सत्र के वक्ता के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने कहा कि युवा भारत का आधार है। जो देश की दिशा और दशा को तय करने वाला होगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद युवाओं के व्यक्तित्व विकास की नर्सरी के रूप में कार्य रही है। साथ ही युवा राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ आगे बढ़ सके इसके लिये भी बीजारोपण कर रही है। अभाविप का कार्यकर्ता अपने विद्यार्थी दायित्व के साथ ही सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन करता है, जो इसे अन्य छात्र संगठनों से अलग बनाती है। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व के सबसे बड़ी छात्र संगठन के रूप में बनकर उभरी है, यह अभाविप कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अनन्य संघर्षों की देन है। कुछ छात्र संगठन कथ्य को तथ्य बनाकर समाज में विकृति फैलाने का कार्य कर रहे हैं, अभाविप उनको रोकने का कार्य करेगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भारत को पुनः वैश्विक पटल पर स्थापित करने को ठान लिया है। जिस विकसित भारत का सपना हम सभी देख रहे हैं, वह भारतीय ज्ञान परंपरा के माध्यम से ही संभव हो पाएगा। यदि हम इतिहास के पन्नों में देखेंगे तो मिलेगा कि भारत की संस्कृति विश्व में किसी अन्य संस्कृति से अधिक उन्नत रही है। आज हम पंच परिवर्तनों की बात करते हैं, उन सभी पंच परिवर्तन की जड़ हमारी उदात्त संस्कृति में विद्यमान है। मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि भारत अब प्रश्न पूछने वाले नहीं प्रश्नों के उत्तर देने वाला बनेगा और पुनः विश्व का सिरमौर बन उभरेगा। परिषद काशी के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने इस सत्र के लिये नवीन कार्यकारिणी को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि अभाविप, काशी प्रांत का यह अधिवेशन ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि नवीन कार्यकारिणी साल भर विद्यार्थियों की सभी समस्याओं का निराकरण करने के लिए और भी प्रभावी रूप से कार्य करेगी।