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मतदान का ग्रामीणों ने किया सामूहिक बहिष्कार दोपहर बाद मनाए जाने के बाद किया मतदान

सामना संवाददाता / गोरखपुर

जंगल कौड़िया ब्लाक के वैंâपियरगंज तहसील अंतर्गत थवईपार और रगरगंज गांव के ग्रामीणों ने कल बूथ संख्या २७४ पर सुबह से ही प्रशासन और नेताओं का प्रति विरोध जताना शुरू कर दिया। गांववालों ने सामूहिक रूप से मतदान का बहिष्कार कर दिया। कैंपियरगंज तहसील अंतर्गत थवईपार और रगरगंज गांव के ग्रामीणों ने बूथ संख्या २७४ पर सुबह से ही संगठित होकर प्रशासन और नेताओं के प्रति विरोध जताया था और सामूहिक रूप से मतदान का बहिष्कार कर दिया था।

गांव के मुख्य मार्ग पर ग्रामीणों ने बैनर लगाया था कि चकबंदी नहीं तो वोट नहीं, रामावतार विश्वकर्मा, रामकेरे सिंह पूर्व प्रधान, संतोष कुमार वर्तमान प्रधान, विदेशी सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी गांव में आज तक चकबंदी नहीं हुई, जिसके चलते न नालियां बन पाई है ना सड़के बना पाई है। गांव में रहना दुश्वार हो गया है। चकबंदी के लिए १९५९ में अधिसूचना जारी हुआ, जो १९६१ में संपन्न हुआ तथा १९६२ में धारा ४५ पूर्ण हुआ परंतु उसके बाद आज तक चकबंदी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।

ग्रामीण दोपहर १२ बजे तक जिलाधिकारी को गांव में बुलाने की मांग करते रहे। जिलाधिकारी द्वारा चकबंदी कराए जाने का आश्वासन देने के बाद ही मतदान करने की मांग मौके पर मौजूद अधिकारियों से करते रहे।

अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद और क्षेत्रीय विधायक फतेह बहादुर सिंह से वीडियो कॉल पर आश्वासन मिलने के बाद दोपहर १२:०० बजे के बाद ग्रामीणों ने मतदान शुरू किया। रामावतार विश्वकर्मा, रामकेरे सिंह पूर्व प्रधान, संतोष कुमार वर्तमान प्रधान, विदेशी सिंह ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी गांव में आज तक चकबंदी नहीं हुई, जिसके चलते ना नालियां बन पाई है ना सड़कें बना पाई हैं।

चकबंदी के लिए १९५९ में अधिसूचना जारी हुआ, जो १९६१ में संपन्न हुआ तथा १९६२ में धारा ४५ पूर्ण हुआ परंतु उसके बाद आज तक चकबंदी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर शीघ्र चकबंदी कराने की मांग की है।

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