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पिपिहरी और तुतारी में कन्फ्यूज हुए मतदाता …पवार गुट को चुनाव आयोग के फैसले से हुआ नुकसान

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कई लोगों को झटका लगा है। राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा थी, परिणाम उसके बिल्कुल विपरीत रहा है। लोकसभा में जिस तरह का माहौल रहा, उससे महाविकास आघाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन महायुति को जादुई सफलता मिल गई, जिससे महाविकास आघाड़ी के नेताओं को तुरंत समझ में आ गया है कि गड़बड़ी कहां की गई है। कई नेताओं ने नतीजों को अविश्वसनीय, समझ से बाहर और अस्वीकार्य बताया, लेकिन चुनावी नतीजों में यह बात सामने आई है कि पिपिहरी और तुतारी चिह्न के घालमेल से मतदाता कन्फ्यूज हुए हैं और मविआ के शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को इसका बड़ा झटका लगा है।
बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में शरद पवार की एनसीपी सिर्फ १० सीटें जीतने में कामयाब रही है। दरअसल, शरद पवार की पार्टी को विधानसभा चुनाव में भी पिपिहरी सिंबल के कारण झटका लगा है। पिपिहरी सिंबल को मिल रहे रिस्पॉन्स को देखते हुए कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग से पिपिहरी सिंबल की मांग की थी। इस चुनाव में भी चिह्नों की उलझन से शरद पवार की पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। देखा गया है कि शरद पवार की पार्टी के उम्मीदवार ९ स्थानों पर पिछड़ गए हैं।
मतदाता पिपिहरी और तुतारी प्रतीकों के बीच भ्रमित थे। परिणामस्वरूप, शरद पवार की पार्टी के उम्मीदवार ९ विधानसभा क्षेत्रों जिंतुर, घनसावंगी, शाहपुर, बेलापुर, अणुशक्ति नगर, अंबेगांव पारनेर, केज, परंडा में हार गए। जितने वोट से ये उम्मीदवार हारे उससे ज्यादा वोट पिपिहरी को मिले हैं। इससे यह चर्चा शुरू हो गई है कि मतदाताओं ने पिपिहरी को तुतारी मानकर वोट दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शाहपुर सीट पर शरद पवार गुट से पांडुरंग बरोरा चुनाव लड़ रहे थे। बरोरा १,६७२ वोटों से हारे हैं, जबकि यहां पिपिहरी सिंबल को ३,८९२ वोट मिले। नतीजा यह हुआ कि अजीत पवार गुट के उम्मीदवार की जीत हुई।
उधर, बेलापुर सीट पर कांटे की टक्कर में शरद पवार के संदीप नाईक महज ३७७ वोटों से हार गए। यहां पिपिहरी चुनाव चिह्न को २,८६० वोट मिले। यहां से बीजेपी की मंदा म्हात्रे जीत गर्इं। फहद अहमद अणुशक्ति नगर निर्वाचन क्षेत्र में शरद पवार की पार्टी से खड़े थे, वे ३,३७८ वोटों से हार गए। यहां पिपिहरी सिंबल को ४,०७५ वोट मिले, इसलिए अजीत पवार के गुट की सना मलिक जीत गर्इं।
जिंतूर विधानसभा सीट पर शरद पवार की पार्टी के विजय भांबले ४ हजार ५१६ वोटों से हार गए। यहां पिपिहरी को ७ हजार ४३० वोट मिले। तो बीजेपी की मेघना बोर्डीकर जीत गर्इं। घनसावंगी सीट पर भी शरद पवार की पार्टी के राजेश टोपे चुनाव मैदान में थे। राजेश टोपे २,३०९ वोटों से हार गए। यहां पिपिहरी सिंबल को ४,८३० वोट मिले। शिंदे गुट के उम्मीदवार जीते। अंबेगांव सीट पर शरद पवार की पार्टी के देवदत्त निकम १,५२३ वोटों से हार गए। यहां पिपिहरी सिंबल को २,९६५ वोट मिले। यहां से अजीत पवार गुट के दिलीप वलसे पाटील ने जीत हासिल की। परांडा सीट पर शरद पवार की पार्टी राहुल मोटे १,५०९ वोटों से हार गए। यहां पिपिहरी सिंबल को ४,४४६ वोट मिले। यहां पर शिंदे गुट के तानाजी सावंत जीत गए। रानी लंका पारनेर सीट पर १,५२६ वोटों से हार गर्इं। यहां पिपिहरी सिंबल को ३,५८२ वोट मिले। इस सीट से अजीत पवार गुट के काशीनाथ दाते जीते। केज निर्वाचन क्षेत्र में पृथ्वीराज साठे २,६८७ वोटों से हार गए। यहां पिपिहरी सिंबल को ३,५५९ वोट मिले। बीजेपी की नमिता मुंदड़ा जीतीं।

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