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नौ दिन में चले सिर्फ ढाई कोस … सीएम रहते मुंबई की २० फीसदी रोड भी नहीं बना सके शिंदे!

४०० किमी सड़क बनाने का वादा गड्ढे में अब डिमोशन होकर बन चुके डिप्टी सीएम

सामना संवाददाता / मुंबई
महानगर मुंबई को अगले दो सालों में गड्ढामुक्त बनाने का तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का वादा अब धुंधला पड़ता दिख रहा है। शिंदे का सीएम पद तो गया और वे पालक मंत्री भी मुंबई से नहीं होना पसंद करेंगे। ऐसे में मुंबई को गड्ढामुक्त करने का उनका वादा भी गड्ढे में जाते नजर आ रहा है। मुंबई में ३९२ किमी सड़क कंक्रीटाइजेशन परियोजना की शुरुआत लगभग ढाई साल पहले की गई थी, लेकिन उसका काम धीमी गति से चल रहा है। अब तक पहले चरण के केवल २० प्रतिशत काम ही पूरे हुए हैं।
शहर के हिस्से में सड़कों पर काम अक्टूबर २०२३ में शुरू हुआ, वहीं पूर्व और पश्चिम उपनगरों में काम की रफ्तार अभी भी धीमी है। बीते दो सालों में पहले चरण के तहत ४०० किमी सड़कों में से केवल २० प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। ऐसा दावा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व नगरसेवकों ने किया है। इस बीच, दूसरे चरण की परियोजनाएं तो अभी प्रारंभिक दौर में है। सरकार की मनमानी भी देखिए, पहले चरण की ३९२ किमी लंबी सड़कों का काम अधूरा होने के बावजूद, अक्टूबर २०२४ से दूसरे चरण के ३०९ किमी लंबी सड़कों के कंक्रीटीकरण का काम शुरू करने की घोषणा की।
बता दें मुंबई की २,००० किमी लंबी सड़कों का पिछले कुछ वर्षों से चरणबद्ध तरीके से कंक्रीटीकरण किया जा रहा है। इनमें कुछ जगह कंक्रीटीकरण पूरा हो चुका है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि एक साथ कई काम होने की वजह से ट्रैफिक पुलिस की अनुमति।

उन्होंने बताया कि पहले चरण के तहत ६,०७८ करोड़ रुपए की परियोजनाओं के लिए निविदाएं मंगाई गर्इं। पांच नामी ठेकेदारों का चयन कर जनवरी २०२३ में काम के आदेश दिए गए और पहले चरण का काम ३१ मई २०२५ तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हर दिन कम से कम एक किमी सड़क का निर्माण करने का लक्ष्य तय किया गया है और ठेकेदारों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।

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