सामना संवाददाता / मुंबई
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नेता एकनाथ खड़से और महायुति सरकार में मंत्री गिरीश महाजन के बीच हाल ही में विधान परिषद में तीखी नोकझोंक देखने को मिली थीr। इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री रक्षा खड़से ने दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की नाकाम कोशिश की। फिलहाल दोनों नेताओं के बीच मतभेद खत्म होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं, जिससे यह मामला रक्षा खड़से के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। दोनों के बीच बढ़ता विवाद रक्षा खड़से के सिर का दर्द बन गया है।
यह मामला रक्षा खड़से के लिए और जटिल हो जाता है, क्योंकि एकनाथ खड़से उनके ससुर हैं, जबकि गिरीश महाजन उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। दोनों बड़े नेता हैं और उनके बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप की वजह से रक्षा खड़से को मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। गिरीश महाजन ने एकनाथ खड़से पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे बयानबाजी के दौरान व्यक्तिगत स्तर तक उतर आते हैं, जो उचित नहीं है। महाजन ने यह भी कहा कि यदि रक्षा खड़से सुलह की कोशिश करना चाहती है तो उन्हें सबसे पहले अपने घर से इसकी शुरुआत करनी चाहिए। मंत्री रक्षा खड़से ने कहा है कि वे अंत तक दोनों नेताओं के बीच समझौता कराने की कोशिश करेंगी। हालांकि, सवाल यह है कि क्या गिरीश महाजन और एकनाथ खड़से के बीच तनाव खत्म होगा और क्या रक्षा खड़से अपनी कोशिशों में सफल हो पाएंगी? फिलहाल इस मामले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, लेकिन कोई सकारात्मक आसार नजर नहीं आ रहा है।