सामना संवाददाता / नई दिल्ली
`आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि कैलाश गहलोत ५ साल तक सरकार का हिस्सा रहे इसलिए अब वह बातें नहीं कर सकते, क्योंकि ५ साल तक सरकार का हिस्सा रहे हैं, अब वह बातें करेंगे तो हास्यास्पद हैं। असल बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी लगातार उनके खिलाफ ईडी के छापे लगवा रही थी उनको ईडी के दफ्तर में बुलाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इनकम टैक्स का ११२ करोड़ रुपए का मामला दिखा करके उनके ऊपर छापे डाले जा रहे थे तो षड्यंत्र का एक हिस्सा है।’
दिल्ली सरकार में नंबर तीन की भूमिका निभा रहे कैलाश गहलोत ने रविवार को अचानक अपने मंत्री पद और आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आम आदमी पार्टी ने कैलाश गहलोत का मजबूरी में उठाया हुआ कदम बताते हुए कहा कि गहलोत का भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार एजेंसी के जरिए कैलाश गहलोत को प्रताड़ित किया जा रहा था।
दिल्ली सरकार में मंत्री और आप विधायक कैलाश गहलोत के मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा देने के मामले पर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि कैलाश गहलोत पर कई बार इनकम टैक्स और ईडी के छापे पड़े। भाजपा की ओर से बहुत तरीके से उन पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के षड्यंत्र का एक हिस्सा है। भारतीय जनता पार्टी के दबाव की राजनीति का एक हिस्सा है, जो हथकंडे उन्होंने दिल्ली में अपनाएं कुछ लोगों पर वह सफल हुए। बाकियों पर नाकाम रहे तो इस मामले में बीजेपी का षड्यंत्र सफल हो गया। ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जितने छापे थे कि बीजेपी में जाने के उनके पास और कोई विकल्प ही नहीं था इसलिए इस्तीफा दिया गया। संजय सिंह ने कहा कि अभी आप देख लीजिएगा मैं तो जब राजकुमार आनंद के बारे में भी कह रहा था तब भी आप लोग विश्वास नहीं कर रहे थे। मैंने समय भी बताया था, लेकिन आप लोग कह रहे थे वह बीएसपी में जा रहे हैं, लेकिन मैंने कहा था कि बीजेपी में जाएंगे तो आप देखिएगा। कैलाश गहलोत ने अपने पत्र में वही बातें लिखी हैं, जिनको लेकर अक्सर बीजेपी और कांग्रेस समाधि पार्टी को घेरती है।