राधेश्याम सिंह / वसई
वसई-विरार शहर महानगरपालिका स्थापना के दिन से ही भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा चर्चा में रही है। मनपा सिर्फ विकास कार्यों के नाम पर करदाताओं के पैसे को बर्बाद कर रही है। हाल ही में विकास के नाम पर सौंदर्यीकरण से लेकर सड़क दुरुस्तीकरण व गटर तक के कार्य किए गए। ऐसे में इन कार्यों के लिए मनपा ने लाखों-करोड़ों रुपए के टेंडर जारी किए। इसी बीच करोड़ों रुपए के निकाले गए टेंडर में रोड डिवाइडर के कार्य को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के उत्तर भारतीय वसई तालुका क्षेत्र प्रमुख सुरेंद्र सिंह ने मनपा को लिखित शिकायत की।
पहले तोड़ो, फिर बनाओ
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वसई-विरार शहर महानगरपालिका की वॉर्ड समिति ‘एच’ में माणिकपुर नाका से मैकडोनाल्ड भाबोला नाका तक रोड डिवाइडर के निर्माण के लिए ११ नवंबर २०२२ को १ करोड़ ९१ लाख १३ हजार ४३५ रुपए की निविदा जारी की गई है। सुरेंद्र सिंह ने मनपा में शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया है कि उक्त स्थान पर डिवाइडर पहले से ही विद्यमान था। इस डिवाइडर में पेड़ पहले से ही लगाए हुए थे। डिवाइडर में लगे हुए पौधे के रखरखाव के लिए वीवीrएमसी लाखों रुपए खर्च करता है। अब ठेकेदार नया डिवाइडर बनाने के लिए इन पौधें को नष्ट कर रहा है। डिवाइडर बनाने के बाद इस डिवाइडर में पेड़ों को फिर से लगाने के लिए वीवीrएमसी लाखों रुपए खर्च करेगा।
टेंडर प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी
सार्वजनिक बांधकाम विभाग के अधिकारियों ने अपने और ठेकेदार के फायदे के लिए टेंडर निकाले और ठेकेदार की मिलीभगत से ठेके को मंजूरी दे दी। सिंह ने मनपा आयुक्त को शिकायत पत्र देकर निवेदन किया है कि उक्त कार्य का टेंडर तत्काल निरस्त करें और करदाताओं का पैसा बचाएं। जहां वास्तव में काम करने की जरूरत है, वहां खर्च करें। उपरोक्त टेंडर प्रक्रिया को लेकर बड़ी गड़बड़ी देखी गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
वसई-विरार मनपा के ‘एच’ प्रभाग के उपअभियंता सुरेश शिंगाणे ने बताया कि रोड क्रॉसिंग करते समय लोग डिवाइडर से टकराते थे। पहले डिवाइडर छोटा था तो दुर्घटनाएं होती थीं, अब डिवाइडर को बड़ा करना है तो डिवाइडर में जो पौधे लगे थे, उसे निकाल कर गार्डन विभाग के पास रख रहे हैं।