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भाजपा को भारी पड़ेगी पानी की कटौती … मीरा-भायंदर के मतदाता पानी की कमी से परेशान! …५० से ६० घंटों में हो रही है जलापूर्ति

चंद्रकांत दुबे / भायंदर
मीरा-भायंदर शहर में आम जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है। शहर के लोग पानी की कटौती से परेशान हो गए हैं। सत्ता में भाजपा की सरकार है इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है, इससे मीरा-भायंदर वासी भाजपा से नाराज हैं। लोगों का कहना है कि पानी की आपूर्ति ५० से ६० घंटों के अंतराल पर हो रही है, जिससे हमारी दिनचर्या प्रभावित हो रही है। चुनाव प्रचार के दौरान यहां के नेता अपने आपको विकास पुरुष बता रहे हैं, लेकिन सब चुनावी जुमला साबित हो रहा है। पिछला चुनाव भी पानी मुद्दों पर लड़ा गया और अब इस चुनाव में भी यही मुद्दा है कि जीतने के बाद यहां २४ घंटे पानी मिलेगा। इन सब चुनावी जुमलों से जनता तंग आ चुकी है।
वर्षों से अधर में लटकी है सूर्या परियोजना
मीरा-भायंदर में नियमित रूप से रोजाना २०० एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन शहर के लिए पानी पर्याप्त नहीं है। पिछले पांच साल पहले सूर्या परियोजना के तहत शहर को २१८ एमएलडी अतिरिक्त पानी लाने की कवायद तेज हुई, जिसका कार्य भी तेजी से चल रहा था लेकिन वह परियोजना अभी भी अधर में लटकी हुई है।
बिल्डर लॉबी दिखा रही लॉलीपॉप
मीरा-भायंदर की आबादी तेजी से बढ़ी है और इस आबादी की आवासीय समस्या को देखते हुए बिल्डरों ने बेतरतीब ढंग से बििंल्डगों का निर्माण किया है और आज भी जारी है। इन बििंल्डगों को नल कनेक्शन रेवड़ी की तरह बांटे गए हैं। इसे भी पानी संकट के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। हालांकि, बिल्डर लॉबी फ्लैट खरीदने वालों को भरपूर पानी का लॉलीपॉप दिखाकर मलाई काट रही है। यही स्थिति रही तो भविष्य में भी पानी समस्या से छुटकारा मिलने वाला नहीं है, क्योंकि यदि सूर्या परियोजना से जलापूर्ति शुरू भी हुई तो दूसरी तरफ अभी भी हजारों की संख्या में कंक्रीट के जंगल खड़े किए जा रहे हैं।
आखिर शिकायत करें तो किससे
अपनी दैनिक जरूरतों की आम जनता शिकायत करे तो किससे करें! क्योंकि महानगरपालिका में कोई अधिकारी उपलब्ध है ही नहीं! १५ अक्टूबर से चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण मनपा के तकरीबन १ हजार ४०० अधिकारी व कर्मचारी चुनावी ड्यूटी पर हैं, जिसके कारण मनपा के अत्यावश्यक कार्यों पर ब्रेक लग गया है। ऐसे में जनता की शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं है।

पानी आपूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता शरद नानेगांवकर का कहना है कि सभी पाइपलाइन ५० वर्ष पुरानी हैं, जिसके कारण टूटती रहती हैं। रिपेयरिंग के कारण शहर में २८ से ३० घंटे पानी की सप्लाई बंद हो जाती है, लेकिन अब रिपेयरिंग के साथ ही वहां नई पाइपलाइन भी डाली जा रही है।

 

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