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महायुति सरकार में पानी चोरों को खुली छूट! …एमआईडीसी के मुख्य जल चैनलों से पानी की चोरी … गैरेज, होटल और ढाबे वाले खुलेआम जोड़े हैं नल कनेक्शन

सामना संवाददाता / मुंबई
जांभुल जल शोधन केंद्र से उल्हासनगर, ठाणे, मीरा-भायंदर सहित विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को जलापूर्ति करने वाले मुख्य जल चैनलों में छेद करके खुलेआम पानी की चोरी की जा रही थी। एमआईडीसी प्रशासन ने ऐसे कुछ कनेक्शनों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसके बावजूद अभी भी संभावना है कि कई नल कनेक्शन चोरी से जुड़े हुए हैं।
महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम के बारवी बांध से ठाणे जिले के अधिकांश शहरों, औद्योगिक क्षेत्रों और ग्राम पंचायतों को पानी की आपूर्ति की जाती है। बारवी बांध में संग्रहित पानी, आवश्यकतानुसार छोड़ा जाता है और गुरुत्वाकर्षण द्वारा बहकर उल्हास नदी में मिल जाता है। यहां एमआईडीसी प्रशासन आप्टी में बांध से पानी एकत्र करता है और इस पानी को अंबरनाथ के जांभुल में जल शोधन केंद्र में संसाधित किया जाता है। यहां से यह पानी बड़े जल चैनलों के माध्यम से अंबरनाथ, उल्हासनगर, कल्याण डोंबिवली, डोंबिवली औद्योगिक इस्टेट, ठाणे, टीटीसी औद्योगिक इस्टेट और मीरा-भायंदर की महापालिकाओं को आपूर्ति की जाती है। ये चैनल बहुत दूर तक जाते हैं। ये चैनल अंबरनाथ शहर, अंबरनाथ तालुका के ग्रामीण इलाकों और डोंबिवली से होकर गुजरते हैं। ये जलमार्ग, जो अंबरनाथ से निकलते हैं, कटाई रोड और शिलफाटा रोड से होकर गुजरते हैं। इस बीच, सड़क के किनारे कई कार धोने की दुकानें इस मुख्य चैनल में छेद करके अवैध रूप से चल रही हैं। इस सड़क पर कई छोटे-बड़े ढाबे और होटल भी हैं। एमआईडीसी प्रशासन लगातार इन अनधिकृत पाइप कनेक्शनों के खिलाफ कार्रवाई करता है, लेकिन उसके बाद भी इन बड़े जल चैनलों में छेद करके फिर से पानी चुराया जाता है।
एमआईडीसी प्रशासन ने गुरुवार को ऐसी ही कुछ दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की। एमआईडीसी प्रशासन ने यह कार्रवाई अंबरनाथ कटाई मार्ग पर पाले गांव के पास की। इस समय मुख्य जल चैनल में जो छेद किए गए थे, उन्हें भर दिया गया।
अभी भी बचे हुए हैं कई कनेक्शन
अक्सर आरोप लगते हैं कि एमआईडीसी जल आपूर्ति लाइनों पर अवैध नल कनेक्शनों को समय पर नहीं हटाया जाता है, इसलिए कम दबाव पर पानी की आपूर्ति की जाती है। यह उन उपभोक्ताओं के प्रति अन्याय है जो ईमानदारी से कर चुकाते हैं। कई बार पानी का दबाव इतना अधिक होता है कि पानी की पाइपें इन छिद्रों पर फट जाती हैं। इसलिए एमआईडीसी प्रशासन को इन जल चैनलों को बदलना पड़ा है। उनका काम अभी भी जारी है। इसके अलावा, कई पाइप कनेक्शन अभी भी बचे हुए हैं और उन पर समय पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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