सामना संवाददाता / मुंबई
दिल्ली का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन उसे अपने ही सहयोगी दलों और नेताओं की ओर से झटके लग रहे हैं। ताजा झटका महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार देनेवाले हैं। अजीत गुट दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। खबर के मुताबिक, अजीत गुट दिल्ली में करीब ३० सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का एलान करने जा रहा है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही पार्टी ने ११ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी की थी। यह बात इसलिए भी भाजपा के लिए परेशान करनेवाली है, क्योंकि महाराष्ट्र में अजीत गुट महायुति सरकार की अहम सहयोगी है। कहा जा रहा है कि दादा गुट भाजपा से कुछ सीटें हासिल करना चाहता है। इसके साथ ही वह महाराष्ट्र के बाहर भी अपना विस्तार करने की कोशिश में है। हालांकि, पहले भी एनसीपी महाराष्ट्र के बाहर कई राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन तब पार्टी एक थी। पिछले साल अजीत पवार ने पार्टी तोड़कर अपना अलग गुट बना लिया था।
अठावले की पार्टी भी मैदान में कूदी
बीते दिन महाराष्ट्र में भाजपा की एक और सहयोगी आरपीआई की ओर से भी दिल्ली में १५ सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान किया गया था। इस पार्टी के मुखिया मोदी सरकार में मंत्री रामदास अठावले हैं। भाजपा को न सिर्फ अपने सहयोगी दलों, बल्कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने पुराने नेताओं की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली की करावल नगर विधानसभा सीट से कपिल मिश्रा को टिकट मिलने के बाद मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने इसका पुरजोर विरोध किया है। मोहन सिंह पांच बार विधायक रहे हैं और उन्होंने कहा है कि वह हर हाल में विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली में चुनाव के कार्यक्रम का एलान हो चुका है। दिल्ली में विधानसभा की ७० सीटें हैं। इन सभी सीटों पर ५ फरवरी को वोट डाले जाएंगे और ८ फरवरी को नतीजे आएंगे।