मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाहम तो दर्द सुनाने आए।

हम तो दर्द सुनाने आए।

हम तो दर्द सुनाने आए।
अपनों का दुख गाने आए।।

उम्मीदों की हवा बही थी।
बात यही समझाने आए।।

तर्क यहाँ पर मरा हुआ है।
उनको आज जिलाने आए।।

बंजर धरती के सीने पर।
बढ़िया फूल खिलाने आए।।

नफरत का बाजार हटाकर।
प्रेम सुधा बरसाने आए।।

सद्विचार के नए बाग में।
तुमको आज घुमाने आए।।

मानवता का हाल सुनाकर।
सही बात बतियाने आए।।

आदर्शों के गिरे ग्राफ को।
थोड़ा बहुत उठाने आए।।

महंगाई बेकारी का हम।
हाहाकार मिटाने आए।।

कोशिश करके बड़े प्रेम से।
सोया शेर जगाने आए।।

इन्कलाब का नया तिरंगा।
भारत में फहराने आए।।

खुशी खुशी जीवन यापन का।
वातावरण बनाने आए।।

अन्वेषी 

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